कर्ण मिश्रा,ग्वालियर। मप्र के ग्वालियर की निहारिका को आज कराटे की दुनिया में आयरन गर्ल के नाम से जाना जाता है. खुद की हिफाज़त के मकसद से कराटे सीखने वाली निहारिका साल 2011 से MP कराटे चैंपियन है. 23 साल की निहारिका अपनी उम्र से 10 गुना मेडल जीत चुकी है. अब तक इंडोनेशिया, इजिप्ट सहित अन्य देशों में सात इंटरनेशनल स्पर्धाओं में खेल चुकी निहारिका भारत के लिए 5 गोल्ड मेडल जीत चुकी है. इसी कड़ी में एक बड़ा मुकाम फिर हासिल हुआ है. सितंबर में निहारिका इंग्लैंड में होने जा रही कॉमनवेल्थ कराटे चैम्पियनशिप और टर्की में वर्ल्ड कराटे सीरीज़ में खेलने जा रही है. इंटनेशनल लेवल तक पहुंचने के लिए कड़ी मशक्कत के साथ ही निहारिका को समाज के तानों उलाहनों का भी सामना करना पड़ा, लेकिन उसने हिम्मत नहीं हारी और आखिर में भारत के लिए 5 गोल्ड मेडल जीतकर अपनी काबिलियत साबित कर दी. जो लोग कल ताना देते थे वो आज अपनी बेटियों को निहारिका की तरह बनने की नसीहत देते हैं.

ग्वालियर की 23 साल की निहारिका कौरव को आज बेहतरीन कराटेबाज़ के तौर पर जाना जाता है. 10 साल की उम्र में निहारिका ने खुद को फिट रखने और सेल्फ डिफेंस के मकसद से कराते सीखना शुरू किया. खुद की हिफाजत के मकसद से कराते रिंग में उतरने वाली निहारिका धीरे-धीरे इंटरनेशनल कराटेबाज बन गई और देश को मेडल दिलाना ही उसके खेल का मकसद बन गया. निहारिका की कामयाबी का सफर स्कूल कॉलेज प्रतियोगिता से शुरू हुआ. साल 2011 में निहारिका ने पहली बार मध्यप्रदेश कराते चैंपियनशिप जीती. 2011 से 2022 तक निहारिका मध्यप्रदेश की कराते चैंपियनशिप का खिताब जीतती रही है. निहारिका अब तक अपनी उम्र से 10 गुना ज्यादा मेडल जीत चुकी है. 7 इंटरनेशनल स्पर्धाओं में खेल कर निहारिका भारत के लिए 5 गोल्ड मेडल जीत चुकी है. निहारिका सितंबर महीने में 10वी कॉमनवेल्थ कराटे चैंपियनशिप में खेलने के लिए इंग्लैंड जाने वाली है.

भ्रष्ट RTO संतोष पाल की बढ़ सकती है मुश्किलेंः EOW में बेटों की आय से अधिक संपत्ति की शिकायत, पूर्व मंत्री हरेन्द्रजीत सिंह बब्बू ने ईओडब्ल्यू को सौंपे दस्तावेज

निहारिका को इंटनेशनल करातेबाज़ बनने के लिए खेल के साथ ही सामाजिक परेशानियों का सामना भी करना पड़ा. दरअसल निहारिका का परिवार भिंड जिले के एक छोटे से गांव का रहने वाला है. निहारिका के समाज में जवानी की दहलीज पर आते ही लड़कियों की शादी कर विदा कर दिया जाता है. जब निहारिका 20 साल की हो गई तो समाज के लोग निहारका के परिजनों ने उसकी शादी करने की बात कहते थे, जब वो चैम्पियनशिप खेलने बाहर जाती थी तो परिवार को ताने दिए जाते थे. लेकिन जब निहारिका ने विदेशों में भारत के लिए खेलकर गोल्ड मेडल जीतना शुरू किए तो वही लोग तारीफ करते हैं. अपनी बेटियों को निहारिका की तरह बनने को कहते हैं. निहारिका की मां को भी समाज के ताने सहना पड़ते थे, लेकिन मां ने समाज की परवाह को दरकिनार करते हुए बेटी को खेलने के लिए आजादी और भरपूर सहयोग दिया. आज वो खुश भी खुश है कि बेटी ने दुनियाभर में नाम रोशन कर दिया है.

अब तक निहारिका 7 इंटरनेशनल कराते प्रतियोगताओं में भाग ले चुकी है. भारत के लिए पांच गोल्ड मेडल जीत चुकी है. सितंबर के दूसरे सप्ताह में निहारिका 10 वीं कामनवेल्थ कराते चेम्पियनशिप खेलने इंग्लैंड जाएगी. इसके बाद सितंबर के अंतिम सप्ताह में टर्की में होने वाली वर्ल्ड कराते सीरीज़ में खेलेगी. दोनों इंटनेशनल प्रतियोगिताओं के लिए निहारिका दिन रात रिंग में पसीना बहा रही है. सुबह और शाम 6 से 7 घंटे प्रेक्टिस कर रही है. निहारिका के कोच अमित का कहना है कि दोनों स्पर्धाओं के लिए निहारिका की जबरदस्त तैयारी है. उम्मीद है दोनों प्रतियोगिताओं में निहारिका भारत के लिए मेडल लेकर आएगी.

बताओ क्या जमाना आ गयाः उधारी दो और गोली भी खाओ, उधार दिए तीन लाख रुपए वापस मांगने पर मार दी गोली

निहारिका के इस बढ़ते कदमों को लेकर उनके साथ प्रेक्टिस करने वाले कराते मास्टर खिलाड़ी भी उत्साहित है. वह निहारिका को दोंनो ही चैम्पियनशिप में गोल्ड जीतते हुए देखना चाहते है. ताकि ग्वालियर, मध्यप्रदेश और देश का नाम रोशन हो सके. निहारिका के पिता रामवीर कौरव भिंड जिले में क्लिनिक चलाते हैं, तो वहीं मां मीनल कौरव सरकारी शिक्षक हैं. निहारिका अब तक BA के साथ ही B. Ped की डिग्री हासिल कर चुकी है. अभी वो देश के लिए मेडल जीतकर दुनियाभर में तिरंगे का मान बढ़ाना चाहती है. आगे वो बच्चों को तैयार कर भारत के लिए खेलने में मदद करेगी.

Read more- Health Ministry Deploys an Expert Team to Kerala to Take Stock of Zika Virus