रायपुर. चुनाव से छै महीने पहले एक अख़बार पत्रिका ने अपना सर्वे जारी किया है. पत्रिका ने अपने सर्वे के आधार पर दावा किया है कि छत्तीसगढ़ में 58.78 फीसदी मतदाता सरकार बदलने के मूड में हैं. सर्वे ने दावा किया है कि उन्होंने तीन राज्यों में करीब 45 हज़ार मतदाताओं करके उनका मूड जाना है. सर्वे में बताया गया है कि सरकार के खिलाफ सबसे ज़्यादा नाराज़गी राजस्थान में है. राजस्थान में करीब साढ़े बासठ फीसदी मतदाता सरकार बदलना चाहते हैं. जबकि सबसे कम मध्यप्रदेश में करीब 55 फीसदी मतदाता सरकार बदलने के हक में है.

हांलाकि सर्वे में सबसे चौंकाने वाली बात ये सामने आई है कि इस बार जनता विधायकों की परफॉर्मेंस से पहले की तुलना में खुश है. छत्तीसगढ़ में करीब साढ़े पचास फीसदी मतदाता अपने विधायक से संतुष्ट है. जबकि मध्यप्रदेश में 51.25 फीसदी और राजस्थान में 55 फीसदी मतदाता विधायक से संतुष्ट है.

छत्तीसगढ़ में दो बार से अधिक बार जीतने वाले कांग्रेस के 8 विधायकों में से केवल 5 ही वापसी करते दिख रहे हैं. जबकि बीजेपी के ऐसे विधायक जो दो बार से ज्यादा जीत चुके हैं. उनकी संख्या 13 है. सर्वे बताता है कि 13 में से केवल 8 विधायक ही वापसी करते दिख रहे हैं.

सर्वे में सत्तारुढ़ और  विपक्ष के बारे में भी जनता से पूछा गया है. राजस्थान में 63.33 लोगों का कहना है कि सरकार उनकी उम्मीदों पर खरी नहीं उतर पाई. जबकि मध्यप्रदेश में ऐसा 51.35 फीसदी मानते हैं. छत्तीसगढ़ के 56.17 फीसदी मतदाताओं की संख्या पर सरकार उतरने में असफल रही है.

राजस्थान में सर्वे में करीब 61 फीसदी लोग मानते हैं कि मौजूदा बीजेपी सरकार से अच्छी कांग्रेस की सरकार थी. जबकि बाकी दोनों राज्यों में जनता बीजेपी की सरकार को कांग्रेस की सरकार की तुलना में बेहतर समझते हैं. छत्तीसगढ़ के करीब 55 फीसदी लोग कांग्रेस की जोगी सरकार के तुलना में रमन सरकार को आज भी बेहतर मानते हैं. जबकि मध्यप्रदेश में 54 फीसदी लोग दिग्विजय सरकार से बेहतर बीजेपी सरकार को मानते हैं.

छत्तीसगढ़ की 51.37 फीसदी जनता ने माना है कि कांग्रेस विपक्ष के रुप में मुद्दों को लेकर सक्रिय रही है. जबकि मध्यप्रदेश में विपक्ष को करीब 61 फीसदी लोग मानते हैं कि मुद्दों को उठाने में कांग्रेस असफल रही है. राजस्थान की 58.5 फीसदी जनता ने माना है कि विपक्ष के नाते कांग्रेस फेल रही है.

सर्वे में कांग्रेस को लेकर एक सवाल था कि क्या सत्ता कांग्रेस को मिलनी चाहिए. इस पर छत्तीसगढ़ में 51.42 फीसदी ने ‘हां’ में जवाब दिया है. मध्यप्रदेश में 50.84 फीसदी लोग मानते हैं कि सत्ता फिर से कांग्रेस को मिलनी चाहिए.

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में बीजेपी की तीन बार की सरकार है. लिहाज़ा एंटी इनकंबेंसी ज़ाहिर तौर पर होगी. लेकिन इन राज्यों में अभी सरकार की कई जन कल्याणकारी योजनाएं सामने आनी है. ज़ाहिर तौर पर उसका फायदा जनता को जब मिलेगा तो असंतुष्टि का आंकड़ा कम होगा. इसके अलावा बीजेपी को संगठन के चुनावी प्रबंधन का फायदा भी होगा.

दूसरी तरफ छत्तीसगढ़ में 58.8 फीसदी वोट सरकार बदलना चाहती है लेकिन उसमें से करीब 51.5 फीसदी वोट ही कांग्रेस की सरकार बनाना चाहती है. यानि असंतुष्टों का करीब सात फीसदी वोट आज की तारीख में दूसरी पार्टियों को जाता नज़र आ रहा है.

राज्य में तीसरी ताकत बनने के लिए बसपा, जनता कांग्रेस और आम आदमी पार्टी दावेदार हैं.सर्वे में चूंकि थर्ड फ्रंड को लेकर सवाल नहीं रखे गए हैं. लिहाज़ा वो कितना बड़ा फैक्टर इस चुनाव में साबित होगा इसका आकलन नहीं हो पाया.  सर्वे को किस तरह से किया गया पत्रिका ने इस बात को भी ज़ाहिर नहीं किया है.

इस सर्वे को लेकर नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव ने ट्विट किया है. उन्होंने सरकार पर अटैक करते हुए लिखा है – ” जो आंकड़े आए हैं उससे ज़ाहिर है जुमलेवालों के दिन लदने वाले हैं. तब न सही अब सही, अच्छे दिन अब आने वाले हैं.”

(साभार-पत्रिका)