पुरषोत्तम पात्र, गरियाबंद। छत्तीसगढ़ के सबसे कम उम्र के वैज्ञानिक ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से गुहार लगाई है. उसने अपनी मेहनत को सीएम बघेल के हाथों विमोचन कराने की अपील की है. 13 साल के पीयूष ने LALLURAM.COM के माध्यम से कहा कि CM बघेल सर…मैं नन्हा वैज्ञानिक… क्या आप मेरी किताब का विमोचन करेंगे ?. 13 साल के पीयूष ने शोध कर ब्रह्मांड पर किताब लिखी है, जिस शोध ने IJSR को चौंकाया है. पीयूष को राष्ट्रीय स्तर पर अवॉर्ड मिल चुका है. अब छोटे वैज्ञानिक को राष्ट्रपति बाल वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा.

पीयूष ने वेग रहस्य पर शोध कर 13 साल की उम्र में जूनियर साइंटिस्ट का खिताब भी हासिल किया है. 4 महीने पहले इंडिया बुक ऑफ वर्ड रिकॉर्ड्स में नाम दर्ज कराने वाली वेलोसिटी मिस्ट्री की किताब भी हासिल कर चुका है. अब पीयूष और उनके परिजनों को सीएम बघेल हाथों किताब के विमोचन का इंतजार कर रहे हैं.

देवभोग डीएवी मुंझार पब्लिक स्कूल के नौवीं कक्षा के छात्र और छोटे वैज्ञानिक को अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान के अंतर्राष्ट्रीय जनरलों ने मार्च माह में जूनियर साइंटिस्ट की उपाधि से नवाजा था. आज दिल्ली में आयोजित अखिल भारतीय कलवार (कलार) राष्ट्रीय महासभा ने राष्ट्रीय सम्मान से सम्मानित किया. पीयूष जायसवाल का सम्मान बिहार और उत्तर प्रदेश के कई बड़े राजनेताओं के हाथों से मिला.

बता दें कि पीयूष ने 2019 में 13 साल की उम्र में सातवीं कक्षा में पढ़ते हुए ब्रह्मांड पर एक किताब लिखी थी, फिर 2021 में उन्होंने वेग रहस्य पर शोध किया. अल्बर्ट आइंस्टीन के बाद सबसे कम उम्र के वैज्ञानिक बने. पीयूष आठवीं कक्षा में पढ़ता था, तब 6 महीने में स्पीड मिस्ट्री पर 20 पेज सर्च किए. वाशिंगटन डीसी के IJSR (इंटरनेशनल जनरल्स ऑफ साइंटिफिक एंड इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट) ने मेल के जरिए 27 दिसंबर 2021 को मान्यता देते हुए सर्टिफिकेट दिया. इतना ही नहीं, इस शोध के संगठन ने वेलोसिटी मिस्ट्री नाम से एक पुस्तक प्रकाशित की है.

पीयूष के पिता पीएल जायसवाल मैनपुर ब्लिक स्कूल में प्रोफेसर हैं. उन्होंने कहा कि यह पीयूष और हमारे पूरे परिवार की हार्दिक इच्छा है कि यह पुस्तक मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के हाथ में जारी हो. इसके लिए हमने जिला प्रशासन के अलावा प्रभारी मंत्री से भी संपर्क किया है. पीयूष ने कहा कि जब तक मुख्यमंत्री द्वारा पुस्तक का विमोचन नहीं किया जाता, तब तक वह इसे बाजार में बेचने के लिए अपनी सहमति नहीं देंगे. शोध पुस्तक ऑनलाइन भी उपलब्ध है.

12वीं तक मुफ्त शिक्षा
पीयूष की प्रतिभा को देखते हुए दुर्ग का शकुंतला विद्यालय 9वीं से 12वीं तक की पूरी शिक्षा निःशुल्क दे रहा है. पीयूष की प्रतिभा को देखते हुए यह फैसला लिया गया है. पीयूष ने अब नौवीं कक्षा में शकुंतला विद्यालय में प्रवेश लिया है.

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