सुनील जोशी, अलीराजपुर। एक कहावत है कि जब बागड़ ही खेत खाने लगे तो उस खेत को उजड़ने से कोई रोक नहीं सकता। ऐसा ही मामला अलीराजपुर जिले के जोबट में आया है। जहां ग्रामीण आजीविका मिशन के सहायक प्रबंधक ने गांव-गांव जाकर समूह के सदस्यों को दिए गए लोन की वसूली कर अपनी जेब भर ली।

मामला जोबट के सेमलाया गांव का है। समूह के लोगों ने आजीविका मिशन के सहायक प्रबंधक रामचंद्र झरिया पर ऋण वसूली करने और उनके खाते में जमा नहीं करने के आरोप लगाए हैं। साथ में यह भी बताया कि वह हमें कहते हैं कि तुम अगर जोबट ऑफिस पर आए तो तुम्हें पुलिस थाने में बंद करवा दूंगा।

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समूह की सदस्यों ने बताया कि सहायक प्रबंधक द्वारा लगभग दो लाख से अधिक की राशि वसूली है। लेकिन लोन खाते में अभी तक पैसा नहीं जमा किया। सदस्यों ने इसकी की शिकायत जीविका मिशन के अधिकारियों से की है। साथ ही सदस्यों ने जिला पंचायत में भी आवेदन देने गए थे, लेकिन उन्हें वहां कोई नहीं मिला तो आवेदन टेबल पर रखकर आ गए और जोबट सीईओ को सहायक प्रबंधक की करतूतों को बताया। इसके बावजूद भी अभी तक सहायक प्रबंधक पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

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समूह की सदस्यों का कहना है कि गरीबों का पैसा खाने वाले कर्मचारी से राशि वसूल कर सहायक प्रबंधक पर कार्रवाई की जाए किया जाए। मिली जानकारी के अनुसार इस मामले की जांच जिला पंचायत सीईओ संस्कृति जैन ने जोबट एसडीएम देवकी नंदन सिंह और तहसीलदार आलोक वर्मा से कराई थी, लेकिन इस जांच से असंतुष्ट जिला पंचायत सीईओ ने अब उदयगढ़ जनपद सीईओ पवन शाह से फिर इसकी जांच करवा रही हैं। वहीं सूत्रों की माने तो जोबट एनआरएलएम के समस्त समूह के रिकॉर्ड की जांच की जाए तो शायद और भी चौंकाने वाले खुलासे हो सकते हैं।

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