शब्बीर अहमद,भोपाल। मध्य प्रदेश में स्थिति बच्चों के लिए बेहद खतरनाक हो गई है. राज्य के अंदर हर तीसरे घंटे में किसी न किसी बच्चियों के साथ रेप हो रहा है. यह हम नहीं कह रहे हैं, बल्कि राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) का रिपोर्ट कह रहा है. ब्यूरो ने वर्ष 2021 में हुए अपराध के समग्र आंकड़े जारी किए हैं. इन आंकड़ों में नाबालिग लड़कियों के यौन शोषण के मामले में मध्य प्रदेश टॉप पर है. अब इस पर सियासत भी शुरू हो गई है.
कांग्रेस ने सरकार पर बोला हमला
NCRB की आंकड़ों को लेकर कांग्रेस के पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि महिला अत्याचार में मध्यप्रदेश नंबर वन पर है. अश्लीलता के मामले में मध्यप्रदेश नंबर तीन पर है. कोई ऐसा वर्ग नहीं छूटा है. माता-पिता बच्चे आत्महत्या कर रहे है. ये आंकड़े NCRB हैं. कांग्रेस के नहीं है. बेरोजगरी के कारण आत्महत्या के मामले बढ़े हैं. CM शिवराज रोज़गार की बात करते हैं, लेकिन फिर भी एमपी आत्महत्या के मामले आ रहे हैं. मध्य प्रदेश की क़ानून व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त है. मुद्दे को कांग्रेस विधानसभा में ज़ोरों शोरों से उठाएगी.
पुलिस का बचाव में अजीबो-गरीब तर्क
महिला अपराध शाखा की ADG प्रज्ञा श्रीवास्तव ने कहा कि नाबालिग बच्चियों से रेप के 2 फाइल केस में से 2499 संदिग्ध हैं. 2200 रेप के मामले परिजनों ने दर्ज कराए हैं. 2500 केस में बयान से पीड़िता मुकर गई. पीड़ितों ने कोर्ट में सहमति से संबंध बनाने के बयान दिए. प्रेम प्रसंग या घरवालों से नाराज होकर घर छोड़ने के मामले बढ़े हैं. महिला अपराध में पहले नहीं 6वें स्थान पर MP है. बीते साल सिर्फ एक फीसदी महिला अपराध बढ़ें हैं.
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