प्रतीक चौहान. रायपुर. अगर आप राजधानी रायपुर के नगर निगम अधिकारियों से उम्मीद कर रहे हैं कि आप ईमानदारी से टैक्स चुका दें, तो आप गलत हैं. नगर निगम के अधिकारी नमक तो शासन का खाते हैं, लेकिन चढ़ावे की आड़ में खुद ही उपभोक्ता को ज्ञान देते हैं और नियमों को विपरित टैक्स रसीद काटते हैं. ऐसा ही एक नगर निगम जोन क्रमांक 1 का ARO लल्लूराम डॉट कॉम के खुफिया कैमरे में कैद हुआ.
दरअसल, कुछ यूं कि लल्लूराम को 9329111133 नंबर पर सूचना मिली कि जोन क्रमांक 1 के अधिकारी ईमानदारी से टैक्स लेने को तैयार नहीं है. इसके बाद लल्लूराम डॉट कॉम की टीम नगर निगम जोन क्रमांक 1 के एआरओ सत्यप्रकाश लहरे के पास पहुंची. ये बात करीब 15-20 दिन पुरानी है. टीम ने आवेदक की पुरानी रसीद का हवाला देते हुए बताया कि संबंधित व्यक्ति अपनी खाली जमीन का टैक्स पटाना चाहता है, लेकिन रसीद में मौजूद आईडी नंबर गलत होने की वजह से नई रसीद सिस्टम से जनरेट नहीं हो रही है और टैक्स पटाने में आवेदक को परेशानी हो रही है.
लल्लूराम डॉट कॉम की टीम ने ये भी बताया कि स्टॉफ द्वारा स्पॉट का निरीक्षण दो बार हो चुका है. बावजूद इसके आवेदक टैक्स जमा नहीं कर पा रहा है. नगर निगम जोन क्रमांक 1 के एआरओ ने 29 अगस्त सोमवार 11 बजे का समय दिया, लेकिन आवेदक समय पर नहीं पहुंच पाया. इसके बाद तीन दिनों की छुट्टी पड़ गई और आवेदन आज पुनः गया.
एआरओ ने अपने स्टॉफ लोकनाथ और संजू को निरीक्षण करने आवेदक के साथ भेजा. निरीक्षण के बाद आवेदक जब ऑफिस पहुंचा तो लोकनाथ ने आवेदक से ये कहा कि एआरओ सर का कुछ करवा दीजिएगा वो आपका टैक्स कम करवा देंगे. आवेदक ने कहा क्या करवाना है, तो उसे कहा गया 5 करवाना है. यानी 5 हजार रुपए. इसके बाद आवेदक ने पुनः लल्लूराम को इसकी सूचना दी कि रिश्वत की आड़ में उसका टैक्स कम किया जा रहा है, जबकि वो नियमों के हिसाब से पूरा टैक्स पटाना चाहता है.
टीम नगर निगम जोन क्रमांक 1 पहुंची. जिसके बाद टैक्स जमा करने की प्रक्रिया शुरू हुई. निरीक्षण रिपोर्ट में निरीक्षण करने गए नगर निगम स्टॉफ ने भरा और उसमें निरीक्षण फार्म में नियमों के विपरित जाकर राशि को कम कर दिया गया, जबकि आवेदक पूर्व में पटाए टैक्स रसीद से टैक्स जमा करना चाह रहा था.
ARO ने कहा, पैसे लोकनाथ को दे दो…वो नहीं है तो संजू को दे दो
पूरी रसीद कटने के बाद टीम एआरओ के पास पहुंची. 5 हजार रुपए रिश्वत के चढ़ावे की आड़ में नियमों के विपरित जाकर निरीक्षण रिपोर्ट तैयार करने वाले नगर निगम जोन क्रमांक 1 के एआरओ सत्यप्रकाश लहरे को जब पैसे देने टीम पहुंची तो उन्होंने सीधे पैसे नहीं लिए. कहा- थोड़ी देर बैठो. इसके बाद वे धीरे से बोले- आप लोग न्यूज वाले हो… ये सब शोभा नहीं देता, आप पैसे संजू को दे दो.
इसके बाद लल्लूराम की टीम ने कहा कि जब पैसे कि डिमांड आप ( सत्यप्रकाश लहरे) कर रहे हो तो पैसा संजू को क्यों दिया जाए? जब एआरओ को ये समझ आ गया कि वो अपने जाल में फंस चुके हैं, तो छोटे कर्मचारी को फंसाते हुए कहने लगे कि मैंने नहीं मांगा, जिसने मांगा उससे पूछो. इसके बाद टीम ने तमाम कर्मचारियों के सामने कर्मचारी लोकनाथ को फोन किया और स्पीकर में फोन चालू रख ये पूछना चाहा कि पैसे किसने मांगे तो एआरओ ने संवाददाता के हाथ में रखे फोन को काट दिया. इसके बाद खुद अपने मोबाइल से लोकनाथ को फोन लगाया और ईमानदारी का ढ़ोंग रचते हुए कहने लगे, कि तुम ही बताओ इन लोग (लल्लूराम की टीम) कह रही है कि मैंने ( एआरओ ) ने 5 हजार मांगे… अब आप खुद समझ सकते है कि लोकनाथ ने क्या जवाब दिया होगा.
बता दें कि लल्लूराम डॉट कॉम के पास वो तमाम दस्तावेज मौजूद है, जिसमें एआरओ ने नियमों के विपरित जाकर टैक्स जमा करवाया, जिससे नगर नगिम का नुकसान हुआ. हालांकि लल्लूराम की टीम से एआरओ ने फिर रिश्वत की कोई भी रकम नहीं ली और वहां से 9-2-11 हो गए.
ARO के चेंबर के अंदर बातचीत का Video
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