अमृतांशी जोशी, भोपाल। मध्यप्रदेश में बाल सुधार और संप्रेक्षण गृह में न्यूट्रिशयन के लिए बच्चों को अंडा और चिकन परोसने के आदेश पर सियासत शुरू हो गई है। सरकार के एक विभाग द्वारा इस संबंध में नोटिफिकेशन जारी किया गया है। नोटिफिकेशन जारी होने के बाद गृह मंत्री ने कहा कि सरकार ने ऐसा कोई आदेश जारी नहीं किया है। वहीं मामले को लेकर कांग्रेस ने सरकार पर निशाना साधा है। वहीं हिंदू ससंगठन के लोग भी इस मामले को लेकर सरकार के विरोध में उतर गए हैं। वहीं सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि विरोध के चलते सरकार बाल गृह में अंडा और चिकन दिए जाने का आदेश वापस ले सकती है।
मध्यप्रदेश के बाल गृह में अंडा और चिकन दिए जाने पर गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बड़ा बयान दिया है। कहा कि ये हम किसी भी हालात में चलने नहीं देंगे। ये पूरी तरह भ्रम की स्थिति पैदा की जा रही है। ऐसा कोई प्रस्ताव सरकार के पास विचाराधीन नहीं है। अंडे का फंडा एमपी में नहीं चलने देंगे। ऐसा कुछ चिकन नॉन-वेज एमपी में लागू नहीं होने देंगे।
सरकार की जारी किए गए नोटिफिकेशन पर सियासत तेज हो गई है।कांग्रेस मीडिया विभाग उपाध्यक्ष अब्बास हफीज ने सरकार पर हमला बोला है। कहा कि इस मामले में बीजेपी की सरकार दो हिस्सों में बंटी हुई है। इनकी गुटबाजी और अंतर्कलह निकलकर सामने आ रही है।पहले सरकार ने खुद निर्णय लिया था कि अंडा चिकन नहीं बांटा जाएगा। एक विभाग निर्णय ले चुका है वहीं दूसरा पूरी तरह नकार रहा है। बीजेपी की कथनी और करनी अलग है।
सरकार के आदेश के विरोध में हिंदू संगठन और संस्कृति बचाओ मंच भी उतर गया है। अध्यक्ष चंद्रशेखर तिवारी ने कहा कि संस्कृति बचाओ मंच इसका पूरी तरह विरोध करता है। सरकार शाकाहारी बच्चों को भी मांसाहारी बनाने का प्रयास कर रही है। ऐसे कई बच्चे हैं जो शाकाहारी है उनके घर पर ये सब नहीं खाया जाता है। प्रोटीन के रूप में फल फ़्रूट, ड्राई फ्रूट दिए जा सकते हैं। संस्कृति बचाओ मंच मांग करता है की सरकार इस नोटिफिकेशन को वापस लें।
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