धर्मेंद्र यादव, सीहोर। शिक्षक दिवस पर आपको बताएंगे सीहोर जिले के सरकारी स्कूल में पदस्थ नेत्रहीन शिक्षक की संघर्ष और बुलंद इरादे की कहानी। सीहोर जिले के नसरुल्लागंज के ग्राम सिंहपुर प्राथमिक शासकीय स्कूल में नेत्रहीन शिक्षक हरिओम जैमिनी पिछले 21 वर्षों से बच्चों के जीवन में ज्ञान का प्रकाश फैला रहे हैं। बच्चों को बिना ब्रेल लिपि की मदद से सामाजिक विज्ञान, गणित और अंग्रेजी विषय पढ़ाते हैं।

हरिओम जैमिनी हर विषय को बहुत आसानी से पढ़ा लेते हैं। वे नेत्रहीन होने के बाद भी बच्चों को इतनी शिद्दत से पढ़ाते हैं कि सिंहपुर प्राथमिक शासकीय स्कूल के छात्र हर साल पांचवीं बोर्ड में 80-90 फीसद तक अंक लाते हैं। शिक्षक हरिओम ने बताया की शुरूआत से ही घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी। ऐसे में माध्यमिक स्तर तक की पढ़ाई ब्लाइंड स्कूल में की। 12वीं की पढ़ाई को एक एनजीओ (NGO) की मदद से छात्रावास में रहते हुए भोपाल के सुभाष उत्कृष्ट विद्यालय से पूरा किया। उनका सपना शुरु से ही शिक्षक बनने का था।

राजनीतिक विज्ञान से एम.ए. पास करने के बाद विज्ञान के कोटे में शिक्षक भर्ती परीक्षा पास कर नौकरी हासिल की। शिक्षक हरिओम के स्कूल में पहली से आठवीं तक करीब डेढ़ सौ से अधिक और माध्यमिक में 120 बच्चे पढ़ते हैं। स्कूल आने के लिए रोजाना 18 किलोमीटर दूर का सफर बस से करते हैं। एक ऑटो चालक बस से उतरने-चढ़ने में मदद करता है। घर पर किसी का सहारा लिए बिना खुद ही अपनी दिनचर्या निपटाते हैं। हरि ओम जी आज खुद अंधेरे में हैं लेकिन स्कूली बच्चों के जीवन में उजाला भरने का काम कर रहे हैं।

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