रायपुर. अजीत जोगी के वफादार और कांग्रेस के विधायक आरके राय ने कांग्रेस के कारण बताओ नोटिस पर कड़ा जवाब भेजा है. अपने जवाब में आरके राय ने कांग्रेस पार्टी पर कई संगीन आरोप लगाए है. आरके राय ने लिखा है कि छत्तीसगढ़ कांग्रेस के इंपोर्टेड नेताओं के अजीत जोगी पर दिए गए बयान से नाराज़ होकर उन्होंने और सियाराम कौशिक ने राज्यसभा चुनाव में बहिष्कार का फैसला किया था.

आरके राय ने अपने दो पन्ने के जवाब में लिखा है कि राज्यसभा चुनाव में पार्टी का व्हिप जारी नहीं होता. आरके राय ने लिखा कि कांग्रेस पार्टी बघेल एंड संस बन चुकी है. जिसका रिमोट भूपेश बघेल के पिता नंदकुमार बघेल के हाथों में है. उन्होंने कहा कि हम दोनों से पार्टी ने समर्थन नहीं मांगा. फिर भी हमने बीजेपी को हराने के लिए कांग्रेस के उम्मीदवार को वोट देने का फैसला किया.

आरके राय ने कहा कि लेकिन चुनाव से ठीक दिन पहले पुनिया ने उनके आदर्श अजीत जोगी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी कर दी. यही नहीं, उन्होंने तात्कालीन प्रभारी सचिव कमलेश्वर पटेल पर जोगी को गाली देने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि इंपोर्टेड लोगों द्वारा छत्तीसगढ़िया व्यक्ति का अपमान करने के बाद कांग्रेस उम्मीदवार को समर्थन करने का सवाल ही खड़ा नहीं होता.

उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस अपनी लकीर बड़ा करने की बजाय जोगी की लकीर छोटी करने में लगी है. उन्होंने कहा कि बीजेपी के साथ मिलकर कांग्रेस पार्टी राजनीति का गंदा खेल खेल रही है. उन्होंने कहा कि ये नोटिस कांग्रेस पार्टी ने नहीं बल्कि बघेल एंड संस ने भेजी है. उन्होंने आगे लिखा है कि कांग्रेस को अगर आगे बढ़ना है तो बघेल एंड संस के चंगुल से निकले.

राय ने पूछा कि आदिवासियों की ज़मीन हड़पने के मामले में पार्टी ने भूपेश बघेल को क्यों नोटिस जारी नहीं किया. क्यों पार्टी ने 53 एकड़ तालाब हड़पने के मामले में नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव को नोटिस जारी किया. पत्र के आखिरी में उन्होंने लिखा है कि उम्मीद है कि इस जवाब के बाद उन्हें  आज़ादी मिल पाएगी.

ज़ाहिर है उनका इशारा पार्टी से बर्खास्तगी को लेकर था.