दीपक ताम्रकार,डिंडोरी/मंडला। मप्र के डिंडोरी जिले में एक चरवाहे ने सबका दिल जीत लिया. चरवाहे ने गांव में जलसंकट को दूर करने के लिए PHE विभाग को पानी टंकी निर्माण के लिए जमीन दान कर दी. लगभग 4 करोड़ की लागत से होने जा रहे कार्य से 5 गांव को पानी उपलब्ध हो पाएगा. चरवाहे ने मुख्यमंत्री शिवराज का भी गांव में अहम योजना पहुंचाने के लिए धन्यवाद किया है. इधर मंडला जिले में जान जोखिम में डालकर नदी पार कर छात्र-छात्राएं स्कूल पहुंच रहे हैं.

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दरअसल मवेशियों को जंगल में चराने वाला चरवाहा डिंडोरी जिला के शहपुरा जनपद क्षेत्र के ग्राम बरगाव निवासी है. जिसका नाम खेटु वनवासी हैं. खेटु की माने तो गांव में पानी की हर साल समस्या बनी रहती थी. गांव के लोग परेशान होते थे. यही सोचकर खेटु ने गांव की भलाई के लिए अपनी जमीन PHE विभाग को दान दे दी. अब खेटु की मदद से PHE विभाग और उनके ठेकेदार को कार्य करने में आसानी हो रही है. वही PHE विभाग डिंडोरी के कार्यपालन यंत्री शिवम सिंहा ने बताया है कि बरगांव में पानी के लिए टंकी बनना प्रस्तावित था, लेकिन ऊँचाई वाली जगह नहीं मिलने से कार्य में दिक्कत हो रही थी. लेकिन गांव का एक चरवाहा खेटु ने विभाग की मदद के लिए आगे आया और गांव की भलाई के लिए अपनी जमीन दान दे दी. जो की सराहनीय कदम है.

जान जोखिम में डाल छात्र-छात्राएं पहुंच रहे स्कूल

इधर मंडला जिले से एक विचलित कर देने वीडियो सामने आया है. यहां बच्चों को शिक्षा हासिल करने के लिए जान जोखिम में डालकर स्कूल पहुंचना पड़ रहा है. तस्वीरे मंडला जिला मुख्यालय से करीब 30 किलोमीटर दूर सुरपन नदी के उस पार के गांव दिवारा गंगोरा की है. गांव में हायर सेकेंड्री स्कूल नहीं होने के चलते बच्चों को उफनती नदी में एक डोंगी के सहारे पार कर लफरा ग्राम पंचायत स्थित हायर सेकेंड्री स्कूल में जाना पड़ता है. अगर नदी में पानी कम रहता है, तो बच्चे नदी को पैदल चलकर पार करते है. जिससे स्कूल ड्रेस गीली हो जाती है. जिसका वीडियो भी वायरल हुआ है. इतना ही नहीं ग्रामीणों को भी अपने रोजाना के कार्यो के लिए इसी नदी को पार कर आना जाना पड़ता है.

दरअसल ग्राम पंचायत लफरा और दिवारा के बीच सुरपन नदी बहती है. जहां पर ग्रामीण लंबे से समय से पुल की मांग कर रहे हैं. लेकिन यहां आज तक पुल नही बन पाया है. जिसके चलते लोगों को डोंगी के सहारे तो कभी पैदल  आना-जाना पड़ता है. सुरपन नदी पर पुल नहीं होने की वजह से लफरा, गंगोरा, बाबा टोला, बगली, सेमरमामा टोला, सीतारपटन सहित करीब आधा दर्जन गांवों के लोगों को रोजाना ऐसा ही संघर्ष करना पड़ता है. इस मामले में जब केंद्रीय राज्य मंत्री व क्षेत्र के भाजपा सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते से सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा कि उनके निर्वाचन क्षेत्र के सभी कलेक्टर को उनके द्वारा निर्देशित किया गया है कि ऐसे क्षेत्रों को चिन्हित करें, ताकि वहां बारिश के समय या अन्य समय में आवागमन की परेशानी लोगों को न हो.

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