बिलासपुर। आबकारी विभाग में प्रधान आरक्षक के पद पर पदस्थ भानुप्रताप चौहान का विभाग ने कबीरधाम से दुर्ग जिला स्थानांतरण कर दिया था. पत्नी की गंभीर बीमारी से परेशान प्रधान आरक्षक ने स्थानांतरण पर रोक लगाने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की. हाईकोर्ट के डबल बेंच ने पक्षों को सुनने के बाद मानवीयता के आधार पर स्थानांतरण आदेश पर स्थगन दिया.
आबकारी विभाग में प्रधान आरक्षक के पद पर पदस्थ भानुप्रताप चौहान कबीरधाम जिला निवासी भानुप्रताप चौहान 29 जून 2022 को आबकारी विभाग ने कबीरधाम से दुर्ग जिला तबादला कर दिया था. इस पर भानुप्रताप ने पत्नी की गंभीर बीमारी को आधार बनाकर उच्च न्यायालय की सिंगल बेंच के समक्ष रिट याचिका दायर की था, लेकिन सिंगल बेंच से स्थगन नहीं मिलने पर हाईकोर्ट अधिवक्ता अभिषेक पाण्डेय व घनश्याम शर्मा के माध्यम से हाईकोर्ट के डिवीजन बेंच के समक्ष रिट अपील दायर की.
अधिवक्ता अभिषेक पाण्डेय एवं घनश्याम शर्मा ने हाईकोर्ट के समक्ष सुप्रीम कोर्ट द्वारा वर्ष 2022 में एसके नौशाद रहमान एवं अन्य विरूद्ध यूनियन ऑफ इण्डिया एवं अन्य के वाद का जिक्र किया. इसके साथ अधिवक्ताओं ने बताया कि याचिकाकर्ता की पत्नी फेफड़े एवं किडनी की गंभीर बीमारी से पीड़ित है. ऐसी स्थिति में 58 वर्षीय याचिकाकर्ता का दुर्ग जिला में शिफ्ट होकर आबकारी विभाग में सेवा देना और साथ में बीमार पत्नी की देखभाल करना बहुत कठिन होगा.
मामले की सुनवाई के पश्चात चीफ जस्टिस अरूप गोस्वामी एवं जस्टिस दीपक तिवारी की डिवीजन बेंच ने 6 सितम्बर को मानवीयता के आधार पर एवं सुप्रीम कोर्ट द्वारा एसके नौशाद रहमान के वाद में पारित न्यायदृष्टांत के आधार पर याचिकाकर्ता के दुर्ग जिले में किए गए स्थानांतरण आदेश पर स्थगन दिया गया.
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