रायपुर। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह जब बुधवार को उड़ीसा गए तब भी प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल ने न्यौता दिया था, आज उड़ीसा जब लौटें तब भी भूपेश बघेल ने न्यौता दिया है. भूपेश बघेल ने अमित शाह न्यौता को देते हुए लिखा है, कि एक बार भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष हमारे साथ छत्तीसगढ़ देख लें. फिर वे जिन आंकड़ों की बात उड़ीसा में कर रहे हैं असल उससे कहीं ज्यादा खराबा स्थिति छत्तीसगढ़ में उनकी अपनी भाजपा सरकार में दिख जाएगी.
भूपेश बघेल ने कहा है कि उड़ीसा जाकर आंकड़े गिनाकर सरकार बदलने की वकालत करने वाले अमित शाह छत्तीसगढ़ के आंकड़े भी देख लें और बताएं कि रमन सिंह की सरकार को बदलना चाहिए या नहीं. ओडिशा में जाकर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कहा है कि नवीन पटनायक के 18 साल के शासनकाल में कुछ नहीं हुआ. उन्होंने पटनायक सरकार की नाकामी बताने के लिए कुछ आंकड़े पेश किए हैं, जिनमें कहा गया है कि ओडिशा में 36 प्रतिशत घरों में बिजली नहीं है, 50 लाख लोग कच्चे घरों में रहते हैं, 7 प्रतिशत स्कूलों में सिर्फ एक शिक्षक है, 66 प्रतिशत स्कूलों में पर्याप्त शिक्षक नहीं हैं और राज्य का सिर्फ 33 प्रतिशत सिंचित है.
रमन सिंह पर सीधे हमला करते हुए भूपेश बघेल ने कहा है कि शायद अमित शाह भूल गए कि रमन सिंह देश के अकेले मुख्यमंत्री हैं जिनके घर के पते पर विदेश में कालाधन जमा करने के लिए खाता खोला गया है और शक की सुई उनके सांसद बेटे अभिषेक सिंह की ओर घूम रही है. उन्होंने कहा कि आश्चर्य की बात है कि रमन सिंह इसकी जांच तक नहीं करवाते. रमन सिंह सरकार की 15 साल की अगर कोई उपलब्धि है तो वह है हजारों एकड़ अच्छी कृषि भूमि से किसानों को उजाड़कर उसे भाजपा के उद्योगपति मित्रों को देना है, कहने तो छत्तीसगढ़ पुनर्वास नीति 90 प्रतिशत रोजगार भू-विस्थापितों को देने की बात कहती है लेकिन किसी भी उद्योग में 10 फीसदी भी रोजगार भू-विस्थापितों को नहीं मिला है अपने चहेते उद्योंगों में से एक केएसके पॉवर प्लांट को रमन सिंह ने एक पूरा जिंदा बांध (रोगदा बांध) समाप्त करके प्लांट लगाने के लिए दे दिया. एक समय था कि जब छत्तीसगढ़ धान का कटोरा था और रमन सिंह की उपलब्धि है कि इसे किसानों द्वारा सबसे अधिक आत्महत्या करने वाले प्रदेश में बदल दिया.
बघेल ने शाह को न्यौता देते हुए कहा कि, अच्छा होता कि अमित शाह एयरपोर्ट से बाहर आते और एक बार हमारे साथ प्रदेश का हाल देखने चलते उन्होंने कहा है कि अमित शाह की दिक्कत यह है कि वे रमन सिंह के वाहन में बैठकर वही देख पाते हैं जो वे दिखाना चाहते हैं, असली छत्तीसगढ़ तो वे अभी देख ही नहीं पाए हैं, अधिक नहीं तो एक बार छत्तीसगढ़ की सबसे महत्वपूर्ण सड़क रायपुर से बिलासपुर रोड पर चलकर देख लें जहां सौ किलोमीटर की सड़क 15 साल में नहीं बन पाई है.