रायपुर. दंतेवाड़ा जिले के कलेक्टर विनीत नंदनवार, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी आकाश छिकारा और अधिकारियों की टीम आज ग्रामीण अंचल के भ्रमण के दौरान दोपहर को गीदम विकासखण्ड बड़े कारली गांव पहुंचे. कलेक्टर ने यहां अधिकारियों के साथ मनवा ढाबा में खाना खाया, बिल भुगतान के बाद ढाबा का संचालन कर रही समूह की महिलाओं को स्वादिष्ट भोजन कराने के लिए धन्यवाद दिया.

बड़े कारली गांव गीदम ब्लॉक मुख्यालय से 6 किलोमीटर की दूरी पर दंतेवाड़ा-बीजापुर नेशनल हाइवे के किनारे स्थित है. इस गांव में गौठान परिसर से लगकर गांव की बॉस बोडीन महिला स्व-सहायता समूह द्वारा मनवा ढाबा का संचालन किया जा रहा है. इस ढाबे में खाने का स्वाद ऐसा है कि, जो एक बार यहां खाना खा ले, वह खाने के लिए बार-बार मनवा ढाबा आता है. इस ढाबे के संचालन से महिलाओं को रोजाना 20 से 25 हजार रुपए की आय हो रही है.

छत्तीसगढ़ सरकार की महिला सशक्तीकरण नीति के चलते महिलाओं को रोजगार व्यवसाय से जोड़कर उन्हें आर्थिक रूप से सक्षम बनाने का काम पूरे प्रदेश में किया जा रहा है. गौठानों में गोबर खरीदी से लेकर वर्मी कम्पोस्ट निर्माण सहित अन्य आयमूलक गतिविधियों के संचालन में समूह की महिलाएं महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं.

दंतेवाड़ा में जिला प्रशासन द्वारा नवाचार के तहत बड़े कारली गांव की बॉस बोडीन महिला समूह को ढाबा संचालन के लिए मदद दी गई. जिला प्रशासन ने बड़े कारली गांव में डीएमएफ मद से 16 लाख रुपए की लागत से 3 हजार वर्गफीट के एरिया में एक सुंदर ढाबे का निर्माण कराकर इसके संचालन की जिम्मेदारी पूरी तरह से समूह की महिलाओं को सौंप दी है. महिलाएं पूरे मनोयोग से ढाबे का संचालन करने में जुटी हैं. यहां भोजन की गुणवत्ता और स्वाद का विशेष ध्यान रखा जा रहा है. यही वजह है कि महिलाओं द्वारा संचालित मनवा ढाबा इलाके में दिन दुनी-रात चौगुनी तरक्की और प्रसिद्धि हासिल कर रहा है. मनवा ढाबा की साफ-सफाई और वहां की आकर्षक साज-सज्जा एक अच्छे खासे रिसॉर्ट के जैसी है.

कलेक्टर विनीत नंदनवार ने बॉस बोडीन समूह की महिलाओं द्वारा सफलतापूर्वक ढाबे का संचालन करने के लिए उन्हें बधाई और शुभकामनाएं दी. इस दौरान उन्होंने ढाबा परिसर का मुआयना भी किया और वहां की साफ-सफाई एवं व्यवस्था की सराहना भी की. कलेक्टर ने कहा कि ढाबे का संचालन कर समूह की महिलाएं न सिर्फ आत्मनिर्भर हुई हैं, बल्कि अपने परिवार को अच्छी खासी मदद देने लगी हैं.

महिला समूह की सदस्य अर्चना कुर्राम का कहना है कि, घर में चूल्हा-चौका और खेती-किसानी का काम करने वाली हम महिलाओं को शासन-प्रशासन ने कारोबारी बना दिया है. ढाबा संचालन के जरिए हमारे समूह ने अब तक 8 से 10 लाख रुपए तक का व्यवसाय किया है, जिससे हमें डेढ़ लाख रूपए का मुनाफा हुआ है. हमारा समूह लोगों को घर पहुंच भोजन उपलब्ध कराने के लिए शीघ्र ही टिफिन सर्विस शुरू करने जा रहा है.

बड़े कारली पंचायत में स्थित गौठान आज की स्थिति में वहां के ग्रामीणों के लिए रोजगार-व्यवसाय का केन्द्र बन गया है. गौठान में गोबर खरीद, वर्मी कंपोस्ट और सुपर कंपोस्ट बनाने के साथ स्व-सहायता समूह की महिलाएं सामुदायिक बाड़ी जैसी अनेक गतिविधियां संचालित कर रही हैं, जिससे उन्हें लाखों रूपए की आमदनी होने लगी है.