राकेश चतुर्वेदी,भोपाल। मध्यप्रदेश में बीजेपी-कांग्रेस के विधायक अपनी संपत्ति सार्वजनिक करने से परहेज कर रहे हैं. विधानसभा के संकल्प को ही विधायक ठेंगा दिखा रहे हैं. 230 में से सिर्फ 15 विधायकों ने संपत्ति की जानकारी सौंपी है. जिसमें 6 कांग्रेस औऱ 9 बीजेपी विधायक शामिल है. विधानसभा के पत्र के बाद भी जानकारी नहीं दी. जबकि विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह औऱ नेता प्रतिपक्ष ने खुद संपत्ति का ब्योरा दिया है. कल 13 सितंबर से विधानसभा का सत्र शुरू हो रहा है.
कई विधायक भ्रष्टाचार में लिप्त, इसलिए नहीं दी जानकारी
संपत्ति की जानकारी को लेकर नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर गोविंद सिंह ने कहा कि कई विधायक भ्रष्टाचार में लिप्त हैं. इसलिए जानकारी नहीं दी. बाइक पर विधायक बनते है, फिर अपार संपत्ति के मालिक बन जाते हैं. सबको नैतिकता के आधार पर पूरी जानकारी सौंपनी चाहिए, जो साल भर कमाया उसका ब्यौरा देना ज़रूरी है. कमलनाथ पर जानकारी नहीं देने का आरोप लगाना ग़लत है. सरकार में रहते हुए भी उन्होंने सरकारी संपत्ति का इस्तेमाल नहीं किया. वो ख़ुद अपना निजी हेलीकॉप्टर और वाहन से घूमते थे. ऐसी छोटी मोटी चीज़ों में वो गड़बड़ी नहीं करते, बल्कि लोगों की मदद करते है. विधायकों की तुलना कमलनाथ जिससे करना बिलकुल ग़लत है.
विधानसभा दिलाएगी विधायकों को स्मरण- विधानसभा अध्यक्ष
विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने कहा कि संकल्प के तहत संपत्ति का ब्यौरा देने का स्मरण दिलाया जाएगा. संकल्प विधायकों ने ही लिया था. संकल्प के तहत विधायकों को संपत्ति का ब्यौरा देना चाहिए. एक बार फिर विधायकों को संकल्प याद दिलाया जाएगा. एथिक्स के तहत विधायकों को जानकारी देना चाहिए.
चुनाव लड़ते वक्त दी गई थी पूरी जानकारी- बीजेपी विधायक
बीजेपी विधायक प्रदीप पटेल का कहना है कि चुनाव लड़ते वक्त पूरी जानकारी देते हैं. अब अलग से देने की जरूरत नहीं है. विधायक और सांसद हमेशा अपनी पूरी जानकारी देते हैं. चुनाव लड़ते वक्त पूरी संपत्ति की जानकारी देनी होती है. इसमें छुपाने वाली कोई बात नहीं है. कमलनाथ सरकार ने इसे पारित किया था उन्हीं से पूछिए. कांग्रेस के विधायकों ने ही जानकारी नहीं दी. कमलनाथ सरकार ने ऐसी नौटंकी क्यों की जवाब दें ? संपत्ति को लेकर अलग से नियम लाने की जरूरत नहीं थी.
इन 15 विधायकों ने दी संपत्ति की जानकारी
विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम
मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान
नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह
मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी
पूर्व मंत्री रामपाल सिंह
विधायक शैलेंद्र जैन
विधायक प्रद्युम्न सिंह लोधी
विधायक अजय कुमार टंडन
विधायक नागेन्द्र सिंह गुढ़
विधायक संजय यादव
विधायक टामलाल रघुजी सहारे
विधायक लीना संजय जैन
विधायक आरिफ मसूद
विधायक ग्यारसी लाल रावत
विधायक चेतन्य कुमार कश्यप
अपना ही संकल्प भूले विधायक
18 दिसंबर 2019 को मध्य प्रदेश विधानसभा में एक संकल्प पारित किया गया था. इसमें विधायकों को हर साल अपनी संपत्ति की जानकारी विधानसभा को देना तय हुआ था. संकल्प सर्वसम्मति से पारित हुआ था. इसके पीछे की मंशा थी कि जनप्रतिनिधियों की संपत्ति की जानकारी जनता के बीच जाएगी तो पारदर्शिता आएगी. लोगों के बीच विधायकों या मंत्रियों की संपत्ति को लेकर भ्रम नहीं रहेगा.
30 जून तक विधायकों को देनी होती है जानकारी
संकल्प के मुताबिक हर साल 30 जून तक विधायकों को अपनी संपत्ति की जानकारी देना है. विधानसभा के सभी सदस्य अपनी और उनके परिवार के आश्रितों का हर साल 31 मार्च की स्थिति में अपनी आस्तियों, दायित्वों, संपत्ति और देनदारियों का विवरण 30 जून तक विस प्रमुख सचिव को देंगे. मप्र विधानसभा की वेबसाइट पर विधायकों, उनके परिवार के आश्रितों की संपत्ति और देनदारियों को प्रदर्शित किया जाएगा.
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