रायपुर. अगर आपने डेली बेली मूवी देखी है तो इस फिल्म के ढेर सारे कंटेट आपके लिए ही हैं. काफी कुछ थीम वही है. दरअसल मूवी एक ब्लैक कामेडी है. इरफान अगर किसी मूवी में हों तो फिल्म का बड़ा हिस्सा उनकी एक्टिंग की छत्र-छाया में आगे बढ़ता है. लल्लूराम डॉट काम आपको बताते हैं कि कैसी है मूवी ब्लैकमेल औऱ क्या है हमारी राय.
अगर आपने लाइफ इन ए मेट्रो औऱ डेली बेली जैसी मूवीज को एन्ज्वाय किया है तो फिल्म उन्हीं फिल्मों के जॉनर की है. यकीनन आपको पसंद आएगी. खास बात ये है कि निर्देशक अभिनय देव ने ही डेली बेली भी बनाई थी. ये भी उन्हीं की क्रिएशन है.
स्टोरी लाइन
इरफान खान एक सेल्समैन की भूमिका में होते हैं. एक टिपिकल आम आदमी. उसकी जिंदगी से जुड़े झंझट इरफान की जिंदगी में भी होते हैं. पहले ही इरफान की दिक्कतें क्या कम थी कि एक दिन जब वो घर लौटते हैं तो देखते हैं कि उनकी बीबी किसी दूसरे के साथ हमबिस्तर है. फिर क्या था इरफान ने बजाय बदला लेने के थोड़ा क्रिएटिव तरीका निकाला औऱ अपनी बीबी औऱ उसके आशिक को ब्लैकमेल करना शुरु किया. इस ब्लैकमेल की प्रोसेस में क्या-क्या झोल-झपाटे होते हैं. उन्हीं को लेकर फिल्म बनाई गई है.
इरफान फिल्म के मेल प्रोटैगनिस्ट देव कौशल का रोल निभाते हैं जबकि फिल्म में कीर्ति कुल्हारी उनकी बीबी की भूमिका निभाती हैं औऱ अरुणोदय सिंह इरफान की बीबी के आशिक के रोल में होते हैं.
दरअसल फिल्म में इरफान को छोड़कर कोई भी बड़ चेहरा नहीं है लेकिन सभी अपनी जबरदस्त ऐक्टिंग से इस सिचुएशनल कामेडी में जान डाल देते हैं. फिल्म में सस्पेंस भी है. आउट आफ बाक्स थिंकिंग जिसे कहते हैं. स्टोरीलाइन बिल्कुल आउट आफ बाक्स तरीके से रची गई है. इरफान दरअसल जब अपनी बीबी को बेवफाई करते हुए देखते हैं तो वो बदला लेने के कई तरीकों के बारे में सोचते हैं लेकिन देव बेहद प्रैक्टिकल तरीके से बदला लेने के बारे में सोचते हैं. वो अपनी बीबी के आशिक अरुणोदय सिंह जिसकी शादी एक रईस पालीटीशियन की बेटी से होती है तो इरफान ऐसे में अरुणोदय को ब्लैकमेल करके पैसे ऐंठने का प्रैक्टिकल सा प्लान बनाते हैं. अगर आपने सुधीर मिश्रा की ये साली जिंदगी… देखी है तो आपको पता चलेगा कि अरुणोदय सिंह की रेंज क्या है. वो बेहद सधे हुए कलाकार हैं औऱ इरफान को कांप्लीमेंट कर रहे हैं इस मूवी में. बाकी सारी कहानी यहीं जान लोगे तो पिच्चर क्या देखोगे. इसलिए टिकट कटाकर बाकी की कहानी के लिए पिच्चर हाल जाओ. हमारी तो यही सलाह है भैय्या.
म्यूजिक
वैसे पिच्चर में म्यूजिक का ज्यादा काम है नहीं लेकिन मेलोडी टाइप गाने और आशिक-आवारा टाइप गाने सुनने का मन है तो आपके लिए गाने नहीं हैं. अमित त्रिवेदी को जानते हैं. बस, पागलपन वाले गाने हैं पिच्चर में लेकिन हैं सब फंकी नंबर. बादशाह, गुरु रंधावा, बोहेमिया, अमिताभ भट्टाचार्य औऱ अमित त्रिवेदी. यानि फिलिम इंडस्ट्री के सारे खुराफाती म्यूजीशियन ने इस पिच्चर में गाना-बजाना किया है. तो, अगर हटके टाइप गाने सुनने के शौकीन हैं तो गाने पसंद आएंगे.
खास क्या है
फिल्म की स्टोरी-लाइन खास है. इरफान और अरुणोदय के साथ कीर्ति का अभिनय खास है. फिल्म में सिर्फ कहानी ही नहीं है. चुटीले डायलाग्स हैं. जो गुदगुदाएंगे आपको. बाकी तो जो है सो हइये है महाराज.
फिल्म के डिटेल्स
डायरेक्टर– अभिनय देव
प्रोड्यूसर– टीसीरीज
कलाकार– इरफान, कीर्ति कुल्हारी, दिव्या दत्ता, अरुणोदय सिंह, ओमी वैद्या
म्यूजिक-पार्थ पारेख और मिकी मैक्लेरी
सिनेमैटोग्राफी– जय ओझा
हमारी राय
ब्लैक कामेडी के शौकीन हैं तो जाइए औऱ देखिए. अगर आपको एक गुदगुदाती हुई कहानी के साथ आगे बढ़ती हुई फिल्म चाहिए तो आप सिनेमाहाल का रुख कीजिए. अगर आप इरफान के फैन हैं तो आप फिल्म देखिए. आपको 2 घंटे औऱ 20 मिनट की मूवी में बोरियत नहीं लगेगी. इसका इंतजाम फिल्ममेकर्स ने कर दिया है. अगर, रुटीन-मसाला टाइप मूवीज देखकर बोर हो गए हैं तो ब्लैकमेल जरुर देखने जाइए.