लखनऊ. राजस्व विवाद के स्थायी समाधान और ग्रामीण परिवारों को उनके घर का कानूनी मालिकाना हक दिलाने में बीते जून माह तक लगभग 35 लाख परिवारों को ग्रामीण परिवार प्रमाण पत्र (घरौनी) वितरित किए जा चुके हैं. वहीं अब तक 22 जिलों के 74 हजार से अधिक गांवों का ड्रोन सर्वे पूरा कर लिया गया है.

जालौन जनपद शत प्रतिशत घरौनी तैयार करने का खिताब पहले ही अपने नाम कर चुका है. अक्टूबर 2023 तक प्रदेश सरकार ने सभी एक लाख दस हजार राजस्व गांवों के ढाई करोड़ ग्रामीण परिवारों को घरौनी प्रमाण पत्र उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 अप्रैल 2020 को ग्रामीण परिवार प्रमाण पत्र (घरौनी) के नाम से प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना की शुरूआत की थी. मुख्यमंत्री योगी का इस योजना के क्रियान्वयन पर खासा जोर है. राजस्व विभाग इसको अमलीजामा पहनाने में तेजी से जुटा है. योजना के क्रियान्वयन में उत्तर प्रदेश सबसे आगे है.

सरकार से मिली जानकारी के अनुसार बीते 25 जून तक 3469879 परिवारों को घरौनी प्रमाण पत्र वितरित किया जा चुका है. जून के बाद 241415 नए घरौनी प्रमाण पत्र तैयार किए जा चुके हैं. इस प्रकार अबतक 25824 गावों के 3711294 ग्रामीण आवास प्रमाण पत्र तैयार किए जा चुके हैं. वहीं अन्य जिलों के ड्रोन सर्वे लगातार जारी है. अब तक 22 जिलों के 74657 गांवों में सर्वे की प्रक्रिया पूरी कर घरौनी तैयार की जा रही है. मुख्यमंत्री योगी ने 25 जून को 11 लाख परिवारों को डिजिटली रूप से घरौनी का वितरण करते हुए ऐलान किया था कि अक्टूबर 23 तक प्रदेश के सभी एक लाख दस हजार से अधिक राजस्व गांवों के ढाई लाख परिवारों को घरौनी उपलब्ध करा दी जाएगी.

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चूंकि ग्रामीण आवास प्रमाण पत्र (घरौनी) ड्रोन सर्वे, पैमाइश और गांवों की खुली बैठक में शिकायतों के निस्तारण के बाद तैयार होगा, लिहाजा आवासीय भूमि के विवाद का समाधान होगा. इस प्रमाण के जरिये ग्रामीण भी शहरों की भांति अपने मकान पर बैंक से ऋण लेकर अपना रोजगार और व्यवसाय शुरू कर सकते हैं. मकान बेंच और खरीद भी सकते हैं. वहीं घरौनी तैयार करने की प्रक्रिया के दौरान 31 मई 22 तक निर्विवाद वरासत के आये 3331417 शिकायतों का निस्तारण किया गया. जबकि विवादित वरासत के 2831417 मामलों में आदेश पारित किए गए.