दिल्ली. ट्रेनों के घटिया खाने को हजम कर पाना अच्छे-अच्छों के बस की बात नहीं है ऊपर से उस खाने के आसमान छूते दाम लोगों के जले पर नमक लगाने का काम करते हैं. अब सरकार ने यात्रियों को थोड़ी सी राहत दी है.

भारतीय ट्रेनों में खाने के नाम पर खूब गड़बड़झाला चलता रहता है. वेंडर मनमाने दाम खाने के वसूलते हैं. मोबाइल कैटरिंग के नाम पर यात्रियों से 18 फीसदी जीएसटी लगाकर लागत वसूली जा रही है. शताब्दी, दूरंतो जैसी प्रीमियम ट्रेनों में खाने की फीस टिकिट में ही शामिल होती है जो कि 18 फीसदी जीएसटी जोड़कर बनाई जा रही है.

अब इस गड़बड़झाले की शिकायत मिलने के बाद वित्त मंत्रालय ने तुरंत आदेश जारी किया है. इसमें कहा गया है कि अब ट्रेनों और स्टेशनों पर मिलने वाले खाने पीने के आइटम पर सिर्फ 5 फीसदी टीएसटी लगाया जाएगा. वित्त मंत्रालय ने साफ किया है कि ट्रेनों, स्टेशनों, प्लेटफार्मों पर आईआरसीटीसी या रेलवे के लाइसेंसशुदा खाना विक्रेता खाने-पीने की चीजों पर सिर्फ 5 फीसदी की दर से जीएसटी वसूल कर सकेंगे.

भले ही आम यात्रियों को इसके बारे में ज्यादा न पता हो लेकिन इससे उनकी जेब अब पहले से कम कटेगी और खाने-पीने की सामग्री के मनमाने दाम भी वेंडर नहीं वसूल सकेंगे.