भोपाल/श्योपुर। आज 17 सितंबर को प्रधानमंत्री मोदी का जन्मदिन है. आज का दिन देश और मध्यप्रदेश के लिए इतिहास के सुनहरे पन्नों में दर्ज हो गया है. 70 साल बाद नामीबिया से भारत पहुंचे 8 चीतों को मप्र के कूनो नेशनल पार्क में पीएम मोदी ने छोड़ा है. अपने जन्मदिन पर मोदी ने चीतों की सौगात दी है. कूनों के क्वारंटाइन बाड़े में तीन नर और पांच मादा चीतों को छोड़ा है. चीतों को छोड़ते हुए खुद कैमरे में कैप्चर किया. इस तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीता परियोजना का शुभारंभ किया. पीएम ने पुली घुमाकर चीतों बाड़े में छोड़ा.
ग्वालियर में चीतों का स्वास्थ्य परीक्षण हुआ. जिसमें सभी फिट पाए गए. जिसके बाद उन्हें हेलिकॉप्टर से कुनो अभयारण्य लाया गया, जहां श्योपुर के कूनो सेंचुरी पार्क में पीएम मोदी आजाद किया है. 75 साल पहले वर्ष 1947 में देश में आखिरी बार चीता देखा गया था. छत्तीसगढ़ में कोरिया के महाराजा ने 3 चीता शावकों का एक साथ शिकार किया था. वर्ष 1952 में भारत सरकार ने चीतों को विलुप्त घोषित कर दिया था. इसके बाद आज 17 सिंतबर को देश में फिर से चीतों की वापसी हुई है.
प्रधानमंत्री मोदी के कार्यक्रमों में राज्यपाल मंगुभाई पटेल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केन्द्रीय कृषि एवं किसान-कल्याण मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर, केन्द्रीय नागरिक विमानन एवं इस्पात मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, केन्द्रीय इस्पात एवं ग्रामीण विकास राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते, प्रदेश के वन मंत्री कुँवर विजय शाह, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री महेन्द्र सिंह सिसोदिया, जनजातीय कार्य एवं अनुसूचित-जाति कल्याण मंत्री मीना सिंह, उद्यानिकी एवं खाद्य प्र-संस्करण (स्वतंत्र प्रभार) एवं नर्मदा घाटी विकास राज्य मंत्री भारत सिंह कुशवाह, पंचायत एवं ग्रामीण विकास राज्य मंत्री रामखेलावन पटेल और खजुराहो सांसद व्ही.डी. शर्मा की गरिमामय उपस्थिति हैं.
भारत में वर्ष 1952 से विलुप्त घोषित ‘चीता’ वर्ष 2022 में दोबारा पुनर्स्थापित हुआ है. इसके पूर्व चीता पुनर्स्थापना के लिए केन्द्र और राज्य सरकार के साथ अंतर्राष्ट्रीय चीता विशेषज्ञों की चर्चा हुई. प्रदेश के लिए गौरव की बात है कि भारतीय वन्य जीव संस्थान (वाईल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट) ने भारत में चीता पुनर्स्थापना के लिए किये गये संभावित क्षेत्रों के सर्वेक्षण में देश में चयनित 10 स्थान में से प्रदेश के कूनो राष्ट्रीय उद्यान को सर्वाधिक उपयुक्त पाया.
प्रधानमंत्री मोदी श्योपुर जिले के कराहल में महिला स्व-सहायता समूहों के सम्मेलन में शिवपुरी, मण्डला, शहडोल और तामिया के विशेष पिछड़ी जनजाति समूह कौशल विकास प्रशिक्षण केन्द्रों का ई-लोकार्पण करेंगे. प्रधानमंत्री मोदी स्व-सहायता समूहों की बहनों से संवाद कर उद्यमशीलता की जानकारी प्राप्त करेंगे. प्रदेश में महिला सशक्तिकरण और उन्मुखीकरण के लिये म.प्र. राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन में 3 लाख 86 हजार स्व-सहायता समूह कार्य कर रहे हैं. इन समूहों से 43 लाख से अधिक परिवार जुड़े हैं. समूहों द्वारा सब्जी उत्पादन, दुग्ध उत्पादन, अगरबत्ती, हैण्डवॉश, साबुन निर्माण, कृषि और पशुपालन आधारित आजीविका गतिविधियाँ और आजीविका पोषण वाटिका के संचालन संबंधी कार्य किये जा रहे हैं.
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