भोपाल। मध्यप्रदेश में इन दिनों गोवंशों में लंपी वायरस का प्रकोप तेजी से फैल रहा है। इससे पशु पालकों के साथ-साथ सरकार की भी चिंता बढ़ गई है। आज लंपी वायरस को लेकर सीएम शिवराज ने मंत्रालय में अधिकारियों की बैठक बुलाई। इस दौरान सीएम ने अहम दिशा निर्देश देते हुए अधिकारियों से कहा कि उपायों की जानकारी पशुपालकों को दें, ग्राम सभा बुलाकर भी सूचित करें। गौ शालाओं में टीकाकरण हो। पूरी गंभीरता से लें। जैसे हम कोविड के खिलाफ लड़े थे, वैसे ही गोवंश का जीवन बचाने के लिए हम इस लंपी वायरस से लड़ेंगे। लंपी वायरस से आम जनता भी दहशत में है। आम आदमी दूध का सेवन करने में डर रहा है। वहीं लंपी वायरस को लेकर सियासत भी शुरू हो गई है। कांग्रेस ने सरकार पर हमला बोला है।
स्थिति कंट्रोल में है- पशुपालन मंत्री
वहीं लंपी वायरस के बढ़ते प्रकोप के बीच पशुपालन मंत्री प्रेम सिंह पटेल ने कहा कि जैसे कोरोना को अभियान चलाकर भगाया गया, वैसे लंपी वायरस को खत्म किया जाएगा। अब सुधार की स्थिति में है। लंपी वायरस के मामले अब नहीं बढ़ रहे हैं। बीमारी पकड़ में आ गई है और दवाई भी मिल गई है।
गायों को वैक्सीन लगना शुरू हो चुका है।
विपक्ष के आरोपों का भी पशुपालन मंत्री ने दिया जवाब
विपक्ष के आरोपों का भी पशुपालन मंत्री ने जवाब दिया। उन्होंने कहा कि विपक्ष का काम ही आरोप लगाना है। सब कुछ ठीक है। दूध के कारोबार पर कोई असर नहीं पड़ेगा। हालांकि गायों की मौत के सवाल पर प्रेम सिंह पटेल बचते नजर आए।
हालात बेक़ाबू हो रहे हैं- कांग्रेस
दरअसल, इससे पहले कांग्रेस ने वायरस की आड़ में BJP सरकार पर हमला बोला था। कांग्रेस नेता नरेंद्र सलूजा ने कहा कि हालात बेक़ाबू हो रहे हैं, तब फ़्री करने की याद आ रही है। इतने समय से सरकार इस वायरस को लेकर क्यों सोई हुई थी। सरकार का पूरा ध्यान सिर्फ चीता इवेंट करने में था। सरकार वायरस के फैलने और गायों की मौत का इंतज़ार कर रही थी। गौशाला और सड़कों पर गायों की संदिग्ध हालात में मौत हो रही है। सरकार अब सिर्फ़ चीता की बात करती है गौ माता की नहीं। कांग्रेस ने सरकार पर आंकड़ा छिपाने के भी आरोप लगाए हैं।
जीतू पटवारी ने लिखा सीएम को पत्र
पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने लंपी वायरस को लेकर सीएम को पत्र लिखा है। जिसमें उन्होंने कहा है कि प्रदेश में लंपी वायरस के कारण हालात बेकाबू हैं। उन्होंने पशु हाट पर रोक लगाने की मांग की है। जीतू पटवारी ने किसानों को जागरूकता के लिए कंट्रोल रूम बनाने की मांग की। साथ ही उन्होंने कहा कि चिकित्सा विशेषज्ञों का दल आपदा प्रबंधन के रूप में तत्काल तैनात किया जाए। मालवा-निमाड़, ग्वालियर-चंबल सभी जगह लंपी वायरस से किसान परेशान है। प्रदेश के कई इलाके दूध व्यवसाय पर निर्भर है।
लंपी वायरस से आम जनता भी दहशत
लंपी वायरस से आम जनता भी दहशत में है। आम आदमी दूध का सेवन करने में डर रहा है। जनता का कहना है कि वायरस कहीं से कभी भी फैल सकता है। इसलिए दूध पीना बंद करना ही सबसे सही इलाज है। वहीं दुकानदारों को धंधा डाउन होने का डर है। डेयरी संचालकों का कहना है कि वायरस के डर के कारण लोगों ने दूध ख़रीदना कम कर दिया है। दूध की आवक कम होने से दूध के दाम बढ़ सकते हैं।
ग्वालियर-चंबल संभाग में लंपी वायरस ने दी दस्तक
प्रदेश के विभिन्न जिलों के साथ ग्वालियर-चंबल संभाग के भी सभी 8 जिलों में लम्पी वायरस की दस्तक हो चुकी है। अंचल के सभी 8 जिलों में लम्पी वायरस के लक्षण वाले पशु दिखाई दिए हैं। अभी तक सम्भाग के 247 गांव में लगभग 277 पशुओं में यह बीमारी फैल चुकी हैं। यही कारण है कि यह बीमारी भयाभय रूप न ले पाए उसको लेकर पशुपालन विभाग वैक्सीनेशन भी तेजी से चला रहा है । अब तक लम्पी वायरस के प्रभावित पशुओं वाले क्षेत्र के लगभग 5 किलोमीटर रेडियस में 11003 पशुओं का टीकाकरण किया गया है। वहीं विभाग ने एडवाइजरी भी जारी की है कि पशुपालक पशुओं में लक्षण दिखते ही तत्काल विभाग और पशु चिकित्सकों से संपर्क करें, ताकि समय पर वैक्सीनेशन और इलाज शुरू किया जा सके।
खरगोन जिले में 200 से ज्यादा मवेशी लंपी से संक्रमित
खरगोन जिले में लंपी वायरस का संक्रमण बढ़ते ही जा रहा है। जिले में 200 से ज्यादा मवेशी लंपी से संक्रमित है। कई के सैम्पल जांच के लिए भेजे गए हैं। पशुओं को लंपी वायरस के कहर से बचाने में सहायक टीका और दवा की मदद ली जा रही है। पशु विभाग के मुताबिक पशुओं को लंपी स्किन डिजीज से बचाने का भरपूर प्रयास कर रहे है। करीब 10 हजार पशुओं वैक्सीनेशन किया गया है। बीमारी बढ़ते देख वैक्सीन की डिमांड भी की गई है।
खंडवा जिले में भी लंपी वायरस के लगातार मामले सामने आ रहे हैं। जिले में अब तक लंपी वायरस से करीब 17 गोवंश की मौत हो चुकी है। वहीं करीब 20 हजार से ज्यादा गोवंश का टीकाकरण किया जा चुका है। खंडवा जिले में सबसे ज्यादा पंधाना विधानसभा क्षेत्र में लंपी वायरस के मामले सामने आए हैं। यहां करीब 12 से ज्यादा गायों की मौत भी हो चुकी है।
रतलाम में 1036 गायों में पाई गई बीमारी
रतलाम जिले में भी लंपी वायरस से 223 गांव प्रभावित हैं। लगभग 1036 गायों में यह बीमारी पाई गई है, जबकि 940 गाय इस बीमारी से ठीक हो चुकी हैं। प्रशासन ने 8 गायों के मरने की पुष्टि की है, जबकि इनकी संख्या 50 से ऊपर है।
मंदसौर में 1000 गायों में लंपी वायरस के लक्षण
राजस्थान से सटे मंदसौर जिला भी लंपी वायरस की जद में आ गया है। यहां वर्तमान में करीब 400 गांवों की 1000 गायों में लंपी वायरस के लक्षण हैं। वहीं करीब 16 गायों की अब तक मौत हो चुकी है। हालांकि अच्छी बात यह है कि स्वस्थ होने वाले पशुओं को तादाद भी बेहतर है। मंदसौर में अब तक मिली संक्रमित गायों में से करीब 900 गायें स्वस्थ हो चुकी है। जिला कलेक्टर गौतम सिंह की माने तो वर्तमान में जिले की सभी गौशालाओं में 34 हजार टीके लगाए जा चुके हैं।
मुरैना में 200 से 300 गोवंश चपेट में
मुरैना जिले में लंपी वायरस का कहर लगातार जारी है, लंपी वायरस से जिले भर में 200 से 300 गोवंश चपेट में है। जिले में लंपी वायरस के कारण 20 से अधिक गायों की मौत हो चुकी है।
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