शब्बीर अहमद, भोपाल। प्रदेश के निजी स्कूलों में लगातार बच्चों को साथ घट रही घटनाओं को लेकर बाल आयोग सख्त हो गया है। स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा को लेकर आयोग ने SOP जारी की है। बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने स्कूलों को 13 बिन्दुओं की एसओपी (Standard Operating Procedures) जारी की है।

मेधावी स्टूडेंट्स के लिए खुशखबरी: इस दिन CM बांटेंगे लैपटॉप खरीदने के लिए राशि, प्रदेश के 91 हजार 617 विद्यार्थियों को मिलेगा लाभ

एसओपी में ये बिन्दु शामिल

  • स्कूलों में प्रार्थना के बाद एवं छुट्टी के पहले 10 मिनट गुड टच एवं बैड टच की बच्चों को दी जाए जानकारी।
  • प्राइवेट स्कूलों में बाल सहायता एवं सुझाव समिति का गठन किया जाए। जिसमें प्राइमरी, मिडिल एवं हाई सेकेंडरी में से एक-एक अभिभावक कुल तीन अभिभावकों को समिति में शामिल करें।
  • समिति की प्रत्येक माह में बैठक हो। बैठक की रिपोर्ट जिला शिक्षा अधिकारी और राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग को भेजी जाए।
  • स्कूल आवागमन के साधनों में महिला चालकों को प्राथमिकता दिए जाए।
  • स्कूल आवागमन की व्यवस्था में उच्च न्यायालय की गाइडलाइन का पालन हो।
  • सीसीटीवी कैमरे के डीबीआर का डाटा कम से कम 30 दिनों तक रखा जाए।
  • स्कूल से जुड़े सभी कर्मचारियों का पुलिस वेरिफिकेशन हो।
  • प्री प्राइमरी में प्राथमिकता के साथ 75 फीसदी महिलाएं स्टाफ ही रखना सुनिश्चित करें।
  • 15 दिनों में एसओपी का पालन सुनिश्चित कर बाल आयोग को अवगत कराएं।

टोलकर्मियों के साथ मारपीट का VIDEO: पिकअप में सवार होकर आए बदमाशों ने कर्मचारियों को लाठी-डंडों से पीटा, CCTV में कैद हुई वारदात

Read more- Health Ministry Deploys an Expert Team to Kerala to Take Stock of Zika Virus