शब्बीर अहमद,भोपाल। देश में मध्यप्रदेश समेत कई राज्यों में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने ताबड़तोड़ कार्रवाई की थी. अब एमपी में हुए दंगों की PFI से कनेक्शन की जांच की जा रही है. प्रदेश में बीते 7 सालों में 229 दंगे हुए हैं. अब इन दंगों की नए सिरे से जांच शुरू होगी. जांच एजेंसियों को दांगों में PFI का हाथ होने का शक है. एमपी ATS पकड़े गए चारों आरोपी से पूछताछ कर रही है. चारों आरोपी 30 सितंबर तक पुलिस रिमांड पर है.
दरअसल ATS की अबतक की पूछताछ में PFI सदस्यों ने कई खुलासे किए हैं. PFI के सदस्य देश विरोधी गतिविधियों के लिए युवाओं को उकसा रहे थे. PFI के सदस्य प्रदेश में स्लीपर सेल तैयार करे थे. आपत्तिजनक साहित्य बांटने और देश विरोधी गतिविधियों को लोगों को भड़का रहे थे. प्रदेश के कई जिलों में PFI के दूसरे राज्यों के सदस्यों ने मीटिंग ली है. आरोपियों के पास से भारी मात्रा में तकनीकी उपकरण, देश विरोधी दस्तावेज और डिजिटल दस्तावेज बरामद हुए है. लोगों को भड़का कर इस्लामिक शरिया कानून कायम करना लक्ष्य था.
बता दें कि एनआईए ने 22 सितंबर को इंदौर से पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) का राज्य सरगना अब्दुल करीम, मोहमद खालिद, जावेद और उज्जैन से मोहम्मद जमील गिरफ्तार किया गया था. एनआईए ने कुछ किताबें और दस्तावेज भी जब्त किए थे. चारों आरोपियों पर UAPA एक्ट लगाया गया है. आईपीसी 21ए, 153ए, 120बी 13[1बी], 18 यूएपीए एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज की गई है. यह कार्रवाई देश भर के 15 राज्य में PFI के 93 ठिकाने पर की गई थी, जहां 106 PFI से जुड़े आरोपियों की गिरफ्तारी हुई है.
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