मुकेश सेन, टीकमगढ़। भले ही सरकार विकास की योजनाओं के नाम पर लाखों रुपये खर्च कर रही हो, लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि लाखों रुपये की राशि से किए जा रहे निर्माण कार्यों में जमकर बंदरबांट हो रहा है. निर्माण एंजेसी घटिया निर्माण कार्य कर रही है. जिसके चलते योजनाएं कागजों पर तो तैयार की जाती हैं, लेकिन जब धरातल पर उतरती है तो पूरी की पूरी पानी में बह जाती हैं.

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जी हां हम बात कर रहे है मप्र के टीकमगढ़ जिले की ग्राम पंचायत दिगौड़ा की, जहां पिछले साल 14 लाख 80 हजार रुपए की लागत से नाले पर चेक डैम का निर्माण किया गया. ताकि बारिश चेक डैम में एकत्रित पानी से आसपास के किसान सिंचाई कर सके, लेकिन ग्राम पंचायत के जिम्मेदार सरपंच, सचिव और इंजीनियरों द्वारा कराए गए इस चेक डैम निर्माण में गुणवत्ता को दरकिनार करते हुए सरकार की राशि का बंदरबांट किया गया. जिस कारण गुववत्ताहीन चेक डैम बारिश में टूट गया.

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इस मामले में स्थानीय लोगों का कहना है कि लाखों रुपये की लागत से बना यह चेक डैम पहली बारिश में ही बह गया, जबकि इसके बनने से हम लोगों सिंचाई का लाभ मिलने की बड़ी उम्मीद थी.

इस मामले में जब कलेक्टर सुभाष कुमार द्विवेदी से बात की गई, तो उनका कहना है कि मुझे जानकारी नहीं है. अगर ऐसा है तो मामले की जांच कर दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी.

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