रायपुर. राजधानी के प्रसिद्ध नेत्र चिकित्सालय छत्तीसगढ़ आई हॉस्पिटल को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर दि ओर्बिस इंटरनेशनल मेडल से नवाजा गया. यह पुरस्कार इटली के मिलान शहर में दि ओर्बिस संस्था ने कांग्रेस ऑफ यूरोपियन सोसाइटी ऑफ कैटरेक्ट एंड रेफ्रेक्टिव सर्जन के सम्मेलन में दिया.

16 से 20 सितंबर तक हुए इस पुरस्कार समारोह में छत्तीसगढ़ आई हॉस्पिटल के चीफ सुपरिटेंडेंट डॉक्टर अभिषेक मेहरा ने कोरोना काल में ग्लूकोमा से पीड़ित लोगों पर विशेष रिसर्च प्रस्तुत किया, जिसमें उन्होंने कोरोना के दौरान ग्लूकोमा पीड़ित व्यक्तियों को हुई परेशानियों तथा दिक्कतों के बारे में विशेष शोध को बताया. विकसित देशों में अंधत्व के उपचार एवं बचाव विषय पर रिसर्च के लिए यह पुरस्कार छत्तीसगढ़ आई हॉस्पिटल को दिया गया.

इस कार्यक्रम में विभिन्न देशों से लगभग 8000 आई स्पेशलिस्ट तथा सर्जन ने भाग लिया. यह संपूर्ण छत्तीसगढ़ व मध्य भारत के लिए बहुत ही गर्व व उपलब्धि की बात है कि विश्व स्तर पर हुए इस कार्यक्रम में विशेष सम्मान प्राप्त हुआ. उल्लेखनीय है कि वैश्विक महामारी कोरोना के दौरान छत्तीसगढ़ आई हॉस्पिटल ने मरीजों पर ग्लूकोमा के प्रभाव पर यह रिसर्च किया था. इस रिसर्च में मरीजों को होने वाली तकलीफों का अध्ययन किया गया था.

इस उपलब्धि पर डॉक्टर अभिषेक मेहरा का कहना है कि अक्सर अल्पविकसित और विकासशील देशों में भी बेहतर चिकित्सा सुविधा तक पहुंच के अभाव में कई बीमारियां अनछुई रह जाती है. कोरोना काल में मरीजों पर ग्लूकोमा के प्रभावों का पता लगाने के लिए यह अध्ययन किया गया, ताकि एक नई जानकारी सामने आए और जरूरी आविष्कारों के लिए एक दस्तावेज उपलब्ध हो. रायपुर स्थित छत्तीसगढ़ आई हॉस्पिटल चार दशकों से भी अधिक समय से नेत्र रोगियों के उपचार के लिए सबसे काम दरों पर अपनी सेवाएं दे रहा है.