रायपुर. भारत जोड़ो सफल ही नहीं हो रही, सही दिशा में भी है. भारत जोड़ो जितना आगे बढ़ रहा, बौखलाई बीजेपी कांग्रेस तोड़ो में जुटी है. स्वाभाविक सी बात है, बीजेपी के लिए आज सबसे बड़ी चुनौती गले का कांटा भारत जोड़ो है. कांग्रेस को कई तरह के परिणाम मिल रहे. देश की एकजुटता में बड़ी भूमिका कांग्रेस संगठन का एकजुट होना और महत्वपूर्ण ये कि कार्बोरेटर में जमा कचरा बाहर होता जा रहा.

इस बार भी खबर पुरानी है…जगह है हिमाचल प्रदेश.
पहले एक प्रेस कांफ्रेंस की खबर पढ़िए

कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष हर्ष महाजन ने एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा था ‘Harsh Mahajan PC in Shimla : पुलिस भर्ती मामले की जांच CBI से करवाने को लेकर गुमराह कर रही सरकार, SIT मिटा रही सबूत. इससे पहले भी पेपर लीक हो चुके हैं. जयराम सरकार पर से प्रदेश की जनता का विश्वास उठ गया है.’

आज इस शख्स ने बीजेपी ज्वाइन कर ली. जॉइनिंग के समय गांधी परिवार पर आरोपों की स्थाई स्क्रिप्ट जो कोर्ट में जैसे कुछ गवाह जब झूठी गवाही देते हैं उस अंदाज में पढ़ दी. इनके पिता देश राज महाजन दस वर्षों तक हिमाचल विधानसभा के अध्यक्ष और बारह बरस मंत्री रहे, तब तक इस परिवार को गांधी परिवार से तकलीफ नहीं हुई. हर्ष महाजन 1986 से 1995 तक युवा कांग्रेस के अध्यक्ष थे. गांधी परिवार से कोई तकलीफ नहीं हुई. 2013 से 2018 तक एचपी को-ऑपरेटिव में चेयरमैन, 1993 से 1998 तक संसदीय सचिव, 2003 से 2008 तक कैबिनेट मंत्री रहे. इस दौरान मलाईदार पदों पर रहते कितने बार इन्होने सवाल उठाए ?

वीरभद्र सिंह के राजनीतिक सलाहकार रहे. उनके जाने के बाद कार्यकारी अध्यक्ष बनाए गए. जो मिलता गया लेते चले गए. सवाल यही है आज आखिर अचानक क्या बड़ा मिला जो अचानक चले गए ? दरअसल ये सवाल हर्ष महाजन से ही नहीं हर उस कांग्रेस के नेता से है, जो चले गए या वेटिंग लिस्ट में है, जवाब ये क्या देंगे ! असलियत आज सबको पता है.

ये केवल हिमाचल की बात नहीं बल्कि कांग्रेस के अंदर ग्रुप बनाकर बैठे लोगों की भी बात है. दरअसल, राहुल का भारत जोड़ो अभियान जितना सफल, तीखा और बीजेपी के लिए कड़वा और मारक होता जा रहा, उतनी ही चुनौती उन्हें अपनी पार्टी के अंदर से मिल रही. मैं इसे भारत जोड़ो अभियान की एक सफलता मानता हूं. भारत जोड़ो आंदोलन और भी ज्यादा सफल होगा, व्यापक होगा, आक्रामक होगा तो छनन प्रक्रिया भी तेज होगी और कचरा भी उतनी तेजी से बाहर जाएगा.

सड़ा हुआ हिस्सा काट दिया जाए तो शरीर को पुनर्जीवन मिल जाता है, जीवन गति तेज हो जाती है. कांग्रेस के लिए ये करो या मरो का समय है. लड़ाई का पल है. जो कांग्रेस को जीवित रखना चाहते हैं सड़कों पर हैं, जिन्हे एजेंसियों, सुविधाएं छिन जाने का भय है वो अब बीजेपी में हैं. राहुल ने ये कड़ा फैसला न लिया होता तो महाजन क्या आजाद भी अभी कांग्रेस में होते. राहुल ने 3570 किलोमीटर पैदल चलकर करोड़ों लोगों से मिलने का फैसला न किया होता तो ये भगोड़े कभी न टूटते पर लड़ने वाले इनके कार्यकर्ता जरूर रूठते.

भारत जोड़ो आंदोलन से जो तस्वीर बन रही है ये तय है विलासिता में डूबे ‘महाजनों’ की महाजनी खतरे में आती, ये तय होता जा रहा कौन लड़ता है कौन डरता है, ये भी तय होता जा रहा कि कौन जमीन पर है कौन हवा में. भारत जोड़ो यात्रा जितनी आगे बढ़ेगी ये तस्वीर उतनी ही साफ होगी. कांग्रेस एकजुट होती चली जाएगी और रीढ़ विहीन लोगों से मुक्त होते जाएगी. ये एक बड़ा संदेश निकल रहा इस भारत जोड़ो अभियान से.