फीचर स्टोरी. स्वस्थ छत्तीसगढ़, सेहतमंद छत्तीसगढ़ के लिए सरकार कई सारी योजनाओं का संचालन कर रही है. डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना, मुख्यमंत्री विशेष सहायता योजना, हाट-बाजार क्लीनिक, मुख्यमंत्री स्लम स्वास्थ्य योजना, दाई-दीदी क्लीनिक योजना. सरकार इन योजनाओं के जरिए राज्य के प्रत्येक व्यक्ति को और विशेषकर आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग लाभ पहुँचाने का काम कर रही है.

भूपेश सरकार ने इन योजनाओं के जरिए छत्तीसगढ़ को न सिर्फ सेहतमंद बनाने का काम किया है, बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं को दुरस्त अँचलों तक ले जाने या कहिए शहर से गांव और गांव से मोहल्ले और घरों तक ले जाने काम किया है. आज इसका व्यापक असर दिख भी रहा है.

सेहतमंद छत्तीसगढ़ में बात सरकार की दो योजनाओं की. मुख्यमंत्री स्लम स्वास्थ्य और दाई-दीदी क्लीनिक योजना की. सरकार की यह दो योजनाएं नगरीय निकायों में संचालित है. इन योजनाओं का सीधा उद्देश्य लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरुक करना और चलित अस्पताल की सेवाओं के जरिए कई तरह की सेवाओं का लाभ दिलाना है.

सरकार की ओर से जारी आँकड़ों के मुताबिक मुख्यमंत्री स्लम स्वास्थ्य योजना से अब तक प्रदेशभर में 27 लाख से अधिक लोग लाभांवित हो चुके हैं. इसी तरह से दाई-दीदी क्लीनिक योजना के तहत 1 लाख 18 हजार से अधिक लोगों ने लाभ लिया है. योजना के तहत पूरे राज्य के नगरीय क्षेत्रों के स्लम बस्तियों में चिकित्सक, पैरामेडिकल टीम, मेडिकल उपकरण एवं दवाओं से लैस 120 मोबाइल मेडिकल यूनिट पहुंचकर लोगों को स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध करा रही है.

इस योजना में लाभांवित लोगों में 2 लाख 46 हजार से अधिक श्रमिकजन भी हैं. योजना के तहत अब तक स्लम बस्तियों में करीब 39 हजार कैंप लगाए जा चुके हैं. वहीं अब तक पांच लाख 78 हजार 239 मरीजों को पैथालॉजी टेस्ट की सुविधा मुहैया कराने के साथ ही 23 लाख 8 हजार 637 से अधिक मरीजों को निःशुल्क दवाएं दी गई है.

इसी तरह से दाई-दीदी क्लीनिक योजना का भी व्यापक असर दिखाई दे रहा है. योजना का अधिक से अधिक लाभ लेने के लिए लोग सामने आ रहे हैं. अब तक राज्य में करीब 1592 कैंप लगाएं जा चुके हैं. वहीं 1 लाख 18 हजार 523 महिलाओं और बच्चियों को इसका लाभ मिल चुका है. वहीं 20 हजार 826 महिलाओं का लैब टेस्ट किया गया तथा एक लाख 12 हजार 380 महिलाओं को निःशुल्क दवाईयां दी गई.

दरअसल यह योजना पूरी तरह से महिलाओं और लड़कियों को समर्पित है. वहीं इसमें मेडिकल स्टॉफ भी महिलाएं और लड़कियां ही होती है. जिससे कि वे खुलकर अपनी बातों को रख सकें, अपनी बीमारियों के बारे में बता सकें. योजना के तहत घर के पास मुफ्त इलाज की सुविधा दी जा रही है.

योजना के तहत दाई-दीदी क्लिनिक की मोबाइल मेडिकल यूनिट के वाहन में महिला चिकित्सकों और स्टॉफ की टीम पहुंचती है तथा जरूरतमंद महिलाओं एवं बच्चियों की विभिन्न बीमारियों का निःशुल्क इलाज करती है. इससे गरीब स्लम क्षेत्र में रहने वाली मेहनत मजदूरी करने वाली ऐसी महिलाएं जो कई कारणों से अपना इलाज नहीं करा पा रही थी, उन्हें इलाज की सुविधा घर के पास ही महिला चिकित्सकों और चिकित्सा स्टॉफ के माध्यम से मिल पा रही है.