गौरेला-पेंड्रा-मरवाही. पेंड्रा के बहुचर्चित पंजाब ढाबा प्रकरण के आरोपी ढाबा संचालक सहित सभी 6 आरोपियों को अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने एक साल की सजा सुनाई है. इस मामले में आरोपियों को पूर्व में श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी व्यवहार न्यायालय पेंड्रा रोड ने अलग-अलग धाराओं में 3 वर्ष की सजा सुनाई थी. आरोपियों ने अपीली न्यायालय अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश पेंड्रा रोड में अपील की थी, जहां से उन्हें 2 वर्ष की राहत मिली है.

यह पूरा मामला वर्ष 2012 के बहुचर्चित पंजाब ढाबा का है, जब आबकारी विभाग बिलासपुर का एक दल पेंड्रा के हाईस्कूल के सामने स्थित पंजाब ढाबा के संचालक हर्ष छाबरिया उर्फ हरु द्वारा अवैध रूप से शराब बिक्री किए जाने की शिकायत मिलने पर छापामार कार्यवाही की थी. इस छापामार कार्यवाही के दौरान आबकारी विभाग के अधिकारियों से ढाबा संचालक हर्ष छाबरिया ने मारपीट करते हुए उनके साथ दुर्व्यवहार किया था.

इस मामले में पंजाब ढाबा के दो कर्मचारी उमाकांत सोनी एवं मोहन कोटवानी सहित हर्ष छाबरिया के पिता चेतन छाबरिया, चाचा पूरन छाबरिया तथा ब्लॉक कांग्रेस कमेटी पेंड्रा अध्यक्ष प्रशांत श्रीवास भी आरोपी बनाए गए थे. इस मामले में पेंड्रा पुलिस ने आबकारी विभाग की शिकायत पर अपराध दर्ज किया था, जिस पर हर्ष छाबरिया सहित सभी आरोपी लंबे समय तक फरार थे.

आरोपियों के लंबे समय तक फरार रहने के कारण न्यायालय के आदेश पर पंजाब ढाबा सील कर दिया गया था. बाद में आरोपियों की क्रमशः गिरफ्तारी की गई थी. इस मामले में सुनवाई करते हुए प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी माननीय असलम खान व्यवहार न्यायालय पेंड्रा रोड ने हर्ष छावरिया छावरिया उर्फ हर्रू सहित छह आरोपियों को 3 साल की सजा एवं 2000 जुर्माना लगाया था. मामला जमानती होने के कारण न्यायालय ने आरोपियों को सजा सुनाने के बाद निर्णय के खिलाफ एक माह की अपील अवधि तक जमानत दे दी थी, जिस पर सभी आरोपियों ने अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश पेंड्रा रोड में अपील किए थे. इस मामले में आज अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश किरण थवाईत ने अलग-अलग धाराओं में सजा सुनाई, जिसमें पिछली न्यायालय की सजा में संशोधन करते हुए 6 आरोपियों को 1 वर्ष कारावास भोगना होगा.