वाराणसी. काशी विद्यापीठ में दलित गेस्ट प्रोफेसर डॉ. मिथिलेश कुमार गौतम ने नवरात्रि में महिलाओं को उपवास रखने के बजाय संविधान पढ़ने का सुझाव फेसबुक पर पोस्ट करना भारी पड़ गया है. पोस्ट को आधार बनाकर एबीवीपी के छात्रों के एक धड़े ने विरोध किया.
इसके बाद मामले ने तूल पकड़ लिया. गुरुवार को कैम्पस में कई घंटों उपद्रव के बाद धार्मिक भावना आहात होने की बात लेकर विवि के कुलपति प्रो एके त्यागी से मिलकर कार्रवाई करने की मांग की. मसलन, महज एक पोस्ट के आधार पर काशी विद्यापीठ प्रशासन ने गेस्ट लेक्चरर मिथिलेश कुमार गौतम को नौकरी से बर्खास्त कर दिया.
राजनीतिक शास्त्र विभाग के गेस्ट लेक्चरर डॉ. मिथिलेश कुमार गौतम ने सोशल मीडिया पर लिखा था, ‘महिलाओं को नौ दिन के नवरात्र व्रत से अच्छा है कि नौ दिन भारतीय संविधान और हिंदू कोड बिल पढ़ लें, उनका जीवन गुलामी और भय से मुक्त हो जाएगा. जय भीम’.