शब्बीर अहद,भोपाल। मध्य प्रदेश में सरकार बनने के बाद कांग्रेस शराबबंदी करेगी. कांग्रेस इसे साल 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव के घोषणापत्र में भी शामिल करेगी. अब शराबबंदी को लेकर कांग्रेस में ‘रार’ पैदा हो गई है. कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने कहा कि मुझे उम्मीद नहीं शराबबंदी हो पाएगी. वचन पत्र में अभी शराबबंदी को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई. मंत्री विश्वास सांरग ने कहा कि कांग्रेस नेता सामने आकर शपथ के साथ बोले की वो शराब से दूर हैं.
दरअसल कांग्रेस विधायक कुणाल चौधरी ने कहा था कि बीजेपी ने प्रदेश को नशे का प्रदेश बनाकर रख दिया है. बीजेपी ने नशा माफिया को संरक्षण दिया है. कांग्रेस सरकार बनने के बाद एमपी में कांग्रेस शराबबंदी करेगी. अपने वचन पत्र में भी शराबबंदी को शामिल करेगी. कांग्रेस विधायक कुणाल चौधरी ने आरोप लगाते हुए कहा कि बीजेपी के मंत्री शराबबंदी को लेकर केवल बयानबाजी कर रहे हैं. इसलिए मध्यप्रदेश उड़ता मध्यप्रदेश बन गया है.
शराबबंदी को लेकर कांग्रेस में ‘रार‘
वचन पत्र के सदस्य और कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने कि मुझे उम्मीद नहीं शराबबंदी हो पाएगी. वचन पत्र में अभी शराबबंदी को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई. वचन पत्र में अगर ये बात आती है, तो कांग्रेस शराबबंदी करेगी. वचन पत्र में जितनी बातें रहेंगी उसे लागू करेंगे. बीजेपी कभी शराबबंदी नहीं कर सकती. सरकार उल्टा विदेशी के साथ देसी बेचने लगी है.
शराबबंदी यानी खजाना आधा खाली !
राज्य सरकार को शराब से हर साल करीब 10 हजार करोड़ की कमाई होती है. शराब से सरकार को टैक्स रुप में करीब 10 हजार करोड़ मिलते हैं. आबकारी विभाग सरकार के लिए सबसे कमाऊ डिपार्टमेंट है. वक्त से साथ शराब से सरकार को कमाई भी बढ़ती गई है. GST लागू होने के बाद सरकार के पास कमाई के ज्यादा साधन नहीं बचे है. पहले सबसे ज्यादा कमाई इनकम टैक्स विभाग से होती थी.
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