रायपुर। पूर्व मंत्री और भाजपा नेता हेमचंद यादव का पार्थिव देह बुधवार शाम रायपुर लाया गया. दिवंगत आत्मा के पार्थिव शरीर को लेने और श्रद्धांजलि देने खुद मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह, भाजपा के प्रदेश प्रभारी अनिल जैन सहित मंत्री मंडल के कई मंत्री और बड़ी संख्या में पदाधिकारी मौजूद थे.

पूर्व मंत्री के पार्थिव देह को इंडिगो के कार्गो विमान से दिल्ली से रायपुर लाया गया.  एयरपोर्ट में मौजूद सभी नेताओं की आंखें उस वक्त डबडबा उठीं जब कभी उनके साथ हंसी ठिठोली करने वाले हंसमुख स्वभाव के हेमचंद यादव का पार्थिव देह को बाहर लाया गया. सभी ने अपने पूर्व साथी को नम आंखों से पुष्पांजलि अर्पित करते हुए उनकी आत्मा की शांति की दुआ की.

10 दिन तक डॉक्टर पता नहीं कर पाए बीमारी

हेमचंद यादव के साथ लगातार 15 दिनों तक साथ रहे हज कमेटी के पूर्व चेयरमैन डॉ सलीम राज ने उनकी बीमारी सहित उनके आखरी क्षणों की हर बात को लल्लूराम डॉट कॉम से साझा किया. डॉ सलीम राज ने बताया कि हेमचंद यादव रायपुर में डॉ संदीप दवे के पास एडमिट रहे फिर उन्हें बाम्बे हास्पिटल ले जाया गया उसके बाद उन्हें दिल्ली एम्स में भर्ती कराया गया. उन्होंने बताया कि हेमचंद यादव को एस्थेमिया गेविस नाम की बीमारी थी. इलाज में उन्हें फायदा भी हुआ लेकिन 15 दिन पहले उन्हें डेंगु हुआ. डेंगु की वजह से उनका डब्लूबीसी बढ़ता गया, इसके बढ़ने से उन्हें इन्फेक्शन हो गया था. उनका इलाज कर रहे डॉ संदीप दवे और संजय शर्मा ने उन्हें बाम्बे दिखाने के लिए कहा. सलीम राज ने बताया कि हम लोग दो दिन के लिए मुंबई गए थे लेकिन कल्पना भी नहीं किया था कि वे हमारा साथ छोड़कर चले जाएंगे. उन्होंने बताया कि इस दौरान कई डाक्टरों को दिखाया लेकिन कोई भी डॉक्टर उनकी बीमारी को डायग्नोसिस नहीं कर पाया. कोई डॉक्टर कहता कि बोनमेरो का प्राब्लम है कोई बोलता कि किडनी इन्फैक्शन है, कोई टीबी बताया तो किसी ने कैंसर बताया. हमने एफिशिएन्सी टेस्ट करवाए थे उसमें कुछ नहीं आया, बायोप्सी टेस्ट करावाए थे जिसकी रिपोर्ट 8 दिन बाद यानि की कल आने वाली थी. किडनी में गांठ महसूस की गई उसका भी टेस्ट करवाए लेकिन टीबी नहीं निकली. उन्हें लगातार बुखार आ रहा था उसकी वजह पता नहीं चल पाई. 10 दिन तक मुंबई में उनका इलाज चलता रहा लेकिन सही डायग्नोसिस नहीं होने की वजह से उनकी तबियत लगातार खराब होती गई.

सीएम से चर्चा के बाद एम्स में कराया गया भर्ती

इस दौरान मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह की प्रेम प्रकाश पाण्डेय और बृजमोहन अग्रवाल से चर्चा हुई तो उन्होंने हेमचंद यादव का दिल्ली एम्स में इलाज कराने का सुझाव दिया. स्वास्थ्य मंत्री से चर्चा के बाद अगले दिन एम्स में डॉ का अपाइंटमेंट भी मिल गया. एम्स पहुंचने के बाद उनका इलाज शुरु हो गया डॉ महापात्रा ने बताया कि छोटी आंत में छेद है जिसकी वजह से लिक्विड और खून बह रहा है. इसी वजह से उन्हें इन्फैक्शन हो गया. उनका प्लेटलेट्स 3 हजार हो गया जो कि डेढ़ लाख होना चाहिए था. उसकी वजह से ब्लड क्लाट हो सकता था नस फट हो सकती थी. सुबह 9 बजे सीटी स्कैन कराया गया जिसमें आंत से लीक होने का पता चला लेकिन कन्फर्म नहीं हो पाया कि लीक कहां से हो रहा है इसका पता नहीं चल पा रहा है. डेढ़ बजे उनको वेन्टी लेटर पर रख दिया गया. वेन्टीलेटर पर रखने के बाद लगातार उनका बीपी डाउन होता गया. जिसकी वजह से उनका मल्टीपल आर्गन फेल होता चला गया और उनका निधन हो गया.

देख फूट-फूट रोए प्रेम प्रकाश-बृजमोहन

डॉ सलीम राज ने बताया कि हेमचंद बहुत ही जिंदादिल इंसान थे उनके अंतिम शब्द यही थे कि “जिंदगी मेरी निकल गई और मैं जी नहीं पाया”. सलीम राज ने बताया कि हेमचंद यादव के आईसीयू में भर्ती होने की जानकारी जैसे ही उनके परम मित्र प्रेम प्रकाश पाण्डेय और बृजमोहन अग्रवाल को हुई. वे सुबह 5 बजे ही एम्स पहुंच गए.  जैसे ही आईसीयू में गए दोनों अपने को सम्हाल नहीं पाए और रोते-रोते बाहर आ गए. उन्हें रोता हुआ देखकर राष्ट्रीय संगठन सह मंत्री सौदान सिंह ने उन्हें समझाया कि आप लोगों ने पूरी कोशिश की ईश्वर के हाथों में सबकुछ रहता है.