कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। ग्वालियर की जीवाजी यूनिवर्सिटी के गोपनीय टेबुलेशन चार्ट रद्दी के तौर पर बाहर आने और उसकी खबर को दिखाए जाने के बाद यूनिवर्सिटी प्रबंधन सक्रिय हो गया है। कुलपति प्रोफेसर अविनाश तिवारी ने इस मामले को लेकर डिप्टी रजिस्ट्रार और असिस्टेंट रजिस्ट्रारों की बैठक ली और टेबुलेशन चार्ट के निर्देश दिए, जिसके बाद अफसर परीक्षा और गोपनीय विभाग के टेबुलेशन चार्ट खंगालने में लगे हैं।
दरअसल, ग्वालियर के फूलबाग मैदान में बनाए गए रावण के पुतलों में जीवाजी विश्विद्यालय के टेबुलेशन चार्ट का रद्दी के तौर पर उपयोग किया गया था। मामला सामने आने के बाद हड़कंप मच गया। विश्वविद्यालय के कुलपति ने अधिकारियों की मीटिंग लेकर इसकी जांच के निर्देश दिए हैं। साथ ही जहां रावण बनाया गया था वहां एक टीम भेजी है।
इसी मामले पर कुलपति प्रो.अविनाश तिवारी ने कहा कि परीक्षा और गोपनीय विभाग के टेबुलेशन चार्ट की जांच करवाई गई। चार्ट सुरक्षित मिले, इससे तय है कि चार्ट की कॉलेज कॉपी ही बाहर निकली है। यह किसकी लापरवाही से निकली, जांच करवाकर कार्रवाई की जाएगी। जहां पुतला तैयार किया गया है, वहां एक टीम भेजी थी, उन्हें क्या मिला चर्चा की जाएगी।हालांकि इस मामले में कार्यपरिषद के सदस्य ने भी आवाज उठाई है, उनका कहना है कि टेबुलेशन चार्ट यूनिवर्सिटी से बाहर आना गंभीर मुद्दा है। ऐसे में अब कार्यपरिषद की बैठक में भी यह मुद्दा गरमा सकता है।
बता दें कि कल रावण के पुतले ने MP के एक बड़े यूनिवर्सिटी की लापरवाही की पोल खोल दी थी। विवि के रिजल्ट के टेबुलेशन चार्ट से रावण-मेघनाद और कुंभकर्ण के पुतले बनाए गए थे। विजयादशमी पर रावण दहन के लिए शहर के फूलबाग मैदान पर रावण-मेघनाद और कुंभकर्ण के पुतले बनाए गए थे।
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