अमित शर्मा, श्योपुर। मध्यप्रदेश में एक बार फिर मानसून लौट आया है। प्रदेश के कई जिलों में मूसलाधार बारिश हो रही है। श्योपुर जिले में बीती रात से हो रही झमाझम बारिश से नदी नाले उफान पर है तो वहीं शिवपुरी में बारिश ने जमकर तबाही मचाई है। किसानों के खेतों में पानी घुस गया। जिसके बाद किसानों ने सड़क पर चक्काजाम कर दिया।
दरअसल, श्योपुर जिले में बीती रात से हो रही झमाझम बारिश से नदी-नाले उफान पर है। नदियों का जलस्तर एक बार फिर से बढ़ गया है। लगातार हो रही वर्षा से बंजारा डैम ओवरफ्लो हो गया है। इधर किसानों के खेतों में पड़ी धान की फसल बारिश की वजह से खराब हो रही है। इससे किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
शुक्रवार से हो रही बारिश
बता दें कि बीते शुक्रवार शाम 3 बजे से जिलेभर में तेज बारिश हो रही है। शाम करीब 5 बजे बारिश का दौर थम गया, लेकिन रात 8 बजे से सुबह 8 बजे तक लगातार बारिश से जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया है। किसानों को सबसे ज्यादा नुकसान उठाना पड़ रहा है। इनके खेतों में धान की फसलें खड़ी थी, जो बारिश की वजह से गिर गई है। इसके किसानों को काफी नुकसान हुआ है।
सर्वे करवाकर मुआवजे की मांग
बारिश की वजह से किसानों के खेतों में पानी लबालब भर गए हैं। इन हालातों में खेतों का पानी सूख जाने के बाद उन्हें फिर से सरसों की बुवाई करनी पड़ेगी, जिसमें उन्हें हजारों रुपए बीघा के हिसाब से फिर से खर्चा उठाना पड़ेगा। सबसे ज्यादा नुकसान ढोंटी, प्रेमसर और बड़ौदा इलाके में देखने को मिल रहा है। जिसे लेकर किसान बेहद परेशान है और चिंतित नजर आ रहे हैं। वहीं किसान सरकार से फसलों के नुकसान का सर्वे करवाकर मुआवजे की मांग कर रहे हैं। किसान बनवारी लाल मीणा ने बताया कि बारिश की वजह से उनके खेतों में खड़ी धान की फसल 90 फीसद बर्बाद हो चुकी है। खेतों में गिरी हुई फसलें सड़ जाएंगी या फिर बाली में दाना नहीं पड़ेगा। अगर बारिश अभी भी नहीं थमी तो किसान पूरी तरह से बर्बाद हो जाएंगे।
शिवपुरी में मूंगफली की फसल बारिश से बरबाद
इधर शिवपुरी जिले के पिछोर तहसील में बीती रात से हो रही बारिश ने जमकर तबाही मचाई है। किसानों के खेतों में रखी मूंगफली की फसल बारिश की वजह से बह गई। इतना ही नहीं किसानों के घरों में भी पानी घुस गया, जिससे किसान अपने छोटे-छोटे बच्चों और महिलाओं समेत सड़क पर रहने को मजबूर हो गए है। जिससे नाराज पीड़ित किसानों ने आज सिरसौद-चंदेरी मार्ग पर जाम लगा दिया।
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गुस्साए किसानों द्वारा लगाए गए जाम की सूचना मिलते ही प्रशासनिक अमले ने किसानों से मिलकर उनकी समस्या सुनी और उनको हर संभव मदद का आश्वासन दिया। लेकिन नाराज किसानों का कहना है कि पिछले साल भी भारी बारिश के चलते उनका सब कुछ बर्बाद हो गया था और आश्वासन के एक साल बीत जाने के बाद भी उनकी समस्याओं का हल नहीं हुआ।
पीड़ित किसानों ने बताया कि भौंती कस्बे के पास अखाई नदी के समीप जो पुलिया बना है, वह बहुत छोटा है। जिससे बारिश का पानी भरने से उनके खेतों और घरों में घुस जाता है। इसके चलते हर साल नुकसान होता है। एक साल बीत जाने के बाद भी अब तक पुलिया का पुनर्निर्माण नहीं हो पाया है।
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