नई दिल्ली। भारतीय राजनीति में अपनी दबंग छवि के लिए जाने-जाने वाले मुलायम सिंह यादव का 82 साल की उम्र में निधन हो गया. इसे नियति ही कहेंगे कि गुरुग्राम के जिस मेदांता अस्पताल में उनकी पत्नी साधना यादव ने चार महीने पहले दम तोड़ा था, उसी अस्पताल में ‘नेताजी’ ने भी अपनी अंतिम सांस ली.

नेताजी की तबीयत बीते दो साल से ऊपर-नीचे हो रही थी, लेकिन नौ जुलाई को पत्नी साधना यादव के निधन ने उनको तोड़ दिया, और चार महीने बाद ही मुलायम सिंह ने भी दम तोड़ दिया. साधना यादव मुलायम सिंह की दूसरी पत्नी थी, जिसे उन्होंने अपनी पहली पत्नी मालती देवी की मौत के बाद वर्ष 2003 में दुनिया के सामने उजागर किया था.

मुलायम सिंह का अपने से उम्र में 20 साल छोटी साधना गुप्ता से प्रेम यकायक नहीं हुआ था. साधना गुप्ता का पहले पति चंद्रप्रकाश गुप्ता से वर्ष 4 जुलाई 1986 में विवाह हुआ था. शादी के करीबन तीन साल बाद दोनों के बीच तलाक हो गया. इसके बाद साधना ने राजनीति में कदम रखा था. बतौर कार्यकर्ता साधना की मुलाकात नेताजी से होने लगी और धीरे-धीरे यह नजदीकी में बदलने लगी.

मां की सेवा कर दिल में बनाई जगह

बताया जाता है कि मुलायम की मां मूर्ती देवी अक्सर बीमार रहती थीं. उन्हें उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती किए जाने पर साधना गुप्ता देखभाल करती थीं. एक बार सैफई मेडिकल कॉलेज में एक नर्स मूर्ति देवी को गलत इंजेक्शन लगाने जा रही थी, लेकिन ऐन वक्त पर साधना सिंह ने उसे रोक दिया. नर्सिंग का कोर्स करने की वजह से साधना को उसे इन बातों की जानकारी थी. इस बात की जानकारी होने पर मुलायम काफी प्रभावित हुए, जिसके बाद दोनों और करीब आ गए.

अखिलेश को मार दिया था थप्पड़

बताया जाता है कि मुलायम सिंह के प्यार ने साधना को इतनी हिम्मत दे दी थी, कि एक बार उन्होंने अखिलेश यादव को ही थप्पड़ जड़ दिया था. हालांकि, उस समय अखिलेश यादव महज 15 साल के ही थे. इस वाकये के कुछ दिन बाद ही मुलायम सिंह यादव ने अखिलेश को आगे की पढ़ाई के लिए राजस्थान के धौलपुर स्थिति मिलिट्री स्कूल भेज दिया था.

लकी साबित हुईं साधना

साधना गुप्ता का प्रेम मुलायम के लिए बेड़ी साबित नहीं हुआ, बल्कि उनके लिए भाग्यशाली रहा. साधना के जिंदगी में आने के बाद ही मुलायम सिंह पहली बार 1989 में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने. इसके बाद सीढ़ी चलने का शुरू हुआ सिलसिला नहीं थमा. उत्तर प्रदेश से शुरू कर मुलायम सिंह दिल्ली तक पहुंच गए, यहां तक केंद्र सरकार में रक्षा मंत्री जैसे महत्वपूर्ण ओहदे तक को संभाला.

पहली पत्नी की मौत के बाद रिश्ता किया उजागर

मुलायम सिंह यादव की पहली पत्नी और अखिलेश यादव की मां मालती देवी का वर्ष 2003 में निधन हुआ था. यही वह साल है, जब मुलायम सिंह यादव ने साधना गुप्ता से अपनी शादी की बात स्वीकार करते हुए रिश्ते को औपचारिक किया था. हालांकि, इस पर अखिलेश यादव ने आपत्ति जताई थी, लेकिन मुलायम सिंह यादव ने बेटे की आपत्ति को दरकिनार कर दिया था. ऐसे मौके पर मुलायम सिंह यादव के लिए अमर सिंह मददगार बनकर उभरे थे.

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