अजय शर्मा,भोपाल। मध्यप्रदेश का बहुचर्चित हनीट्रैप मामला काफी सुर्खियों में रहा है. अब एक बार फिर हनीट्रैप का जिन्न बाहर आया है. हनीट्रैप में पहली बार केंद्रीय जांच एजेंसी ने दखल दी है. केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने हनीट्रैप मामले की जांच शुरू कर दी है. ईडी ने हनीट्रैप से जुड़े 14 लोगों को नोटिस जारी किया है. उनसे दिल्ली में पूछताछ की जाएगी. अब इस पर सियासत भी शुरू हो गई है.
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मामले में आरोपी रही श्वेता जैन, आरती दयाल, श्वेता स्वपनिल जैन, बरखा भटनागर समेत अन्य लोगों को नोटिस भेजा है. सभी को अलग अलग तारीखों में पूछताछ के लिए दिल्ली मुख्यालय बुलाया गया है. ईडी की रडार पर एमपी 40 बड़े अफसर और सफेदपोश नेता हैं, जिनका नाम एसआईटी की जांच में सामने आया था. उस वक्त राजनीतिक गलियारों में भूचाल आ गया था.
हनी ट्रैप मामले की जांच केंद्र सरकार की जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय को मिलने के बाद इस पूरे मामले पर सियासत गरमाने लगी है. कांग्रेस ने इस मुद्दे को लेकर बीजेपी सरकार पर निष्पक्ष जांच नहीं करने का आरोप लगाया है, तो वही बीजेपी ने कांग्रेस पर ही सवाल उठाये हैं. कांग्रेस प्रवक्ता अब्बास हाफिज ने सरकार की मंशा पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि हमारी कमलनाथ सरकार ने इस पूरे मामले का पर्दाफ़ाश किया था दूसरी ओर बीजेपी प्रवक्ता दुर्गेश केसवानी ने कमलनाथ सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए सवाल पूछ लिया कि आखरी क्या वजह थी कि जांच एजेंसी के अधिकारियों को क्यो बार बार बदलना पड़ा.
17 सितंबर को मध्यप्रदेश के इंदौर जिला नगर निगम में कार्यरत इंजीनियर हरभजन सिंह ने पलासिया थाने में खुद को ब्लैकमेल किए जाने की एफआईआर दर्ज कराई थी, तो उन्हें भी इसका अंदाजा नहीं था कि यह मामला इतना बड़ा बन सकता है. अब जैसे-जैसे प्रदेश में फैली हनीट्रैप मामले की कहानियां उजागर होनी शुरू हुईं हैं, वैसे-वैसे इसमें कई नौकशाह, राजनेता और पत्रकारों की संदिग्ध भूमिका सामने आ रही है.
एफआईआर में हरभजन सिंह ने दावा किया था कि उन्हें 29 वर्षीय आरती दयाल नाम की एक महिला द्वारा ब्लैकमेल किया जा रहा था. उक्त महिला ने तीन करोड़ रुपये की रंगदारी की मांग की थी और रकम न चुकाने पर इंजीनियर के कथित अश्लील वीडियो वायरल करने की धमकी भी दी गई थी.
पुलिस ने जब जांच शुरू की तब पता चला कि एक गैर सरकारी संगठन ने कथित तौर पर राजनेताओं, नौकरशाहों और कई बड़े रसूखदारों को ब्लैकमेल करने के लिए उनके अश्लील वीडियो बनाए हैं. जिन्हें सार्वजनिक करने की धमकियों के एवज में जबरन वसूली की जाती थी.
जांच से जुड़े सूत्रों ने बताया कि पिछले कुछ वर्षों में गिरोह के द्वारा छह वरिष्ठ राजनेताओं और कम से कम 10 आईएएस और आईपीएस अधिकारियों के अलावा सिविल इंजीनियरों और बिल्डरों को लालच दिया गया था. इनमें से कुछ से वसूली करने की भी खबरें हैं. हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हो सकी है.
बता दें कि बहुचर्चित हनी ट्रैप मामले की कथित मास्टरमाइंड श्वेता विजय जैन है. अपने हुस्न के जाल में फंसा कर हनी ट्रैप करने वाली श्वेता जैन जमानत पर बाहर है. 17 सितंबर 2019 को इंदौर नगर निगम के सिटी इंजीनियर हरभजन सिंह ने पलासिया थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी. रिपोर्ट में हरभजन सिंह ने बताया था कि उन्हें 29 साल की आरती दयाल और उसकी साथी महिलाएं ब्लैकमेल कर रही हैं. तब पूरे मामले का खुलासा हुआ था.
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