रायपुर. NEET PG एग्जाम को लेकर नया मामला समाने आया है. अभ्यर्थी को मिले बोनस मार्क्स सवालों के घेरे में आ गए हैं. अभ्यर्थी डॉक्टर रवि कुमार जांगड़े को नीट PG की परीक्षा में प्राप्तांक 291 है और बोनस मार्क्स 378. इससे ही वह PG नीट का टॉपर बना. जिससे मेहनतकश रियल टॉपर को नुकसान हुआ. मामला उजागर होने के बाद कार्रवाई का आश्वासन दिया गया. लेकिन अब अभ्यर्थी को सीट भी अलॉट हो चुकी है.

IMA स्टूडेंट विंग के इंचार्ज डॉक्टर राकेश गुप्ता ने सवाल उठाते हुए कहा कि जब मामला उजागर हुआ तब मेडिकल चिकित्सा संचालक ने कहा था कि इस पर कार्रवाई की जाएगी. अभ्यार्थी ने ही गलत जानकारी भरी थी. लेकिन अब सीट का आवंटन हो गया है, जो पूरी तरह नियम के खिलाफ है. भर्ती नियमित में स्पष्ट है कि 30 संग से ज्यादा बोनस अंक नहीं दिया जा सकता है.

इतनी मेहरबानी क्यों ?

दरसल, राज्य कोटे की चिकित्सा स्नातकोत्तर सीटों के लिए विभिन्न विभाग और महाविद्यालय में मेरिट के आधार पर प्रवेश के लिए लिस्ट जारी की गई है. मेरिट के आधार पर जारी किए गए लिस्ट में प्रथम स्थान पर डॉ. रवि कुमार जांगडे हैं. जिन्हें शासकीय सेवारत चिकित्सक के रूप में उनके द्वारा नीट पीजी परीक्षा (neet pg exam) में 291 नंबर मिला है. लेकिन चौकाने वाली बात ये है कि बोनस मार्क के रूप में 378.3 नंबर दिया गया है. इस तरह कुल प्रप्तांक 669.3 हो जाता है. जो नियमानुसार गलत है.

भर्ती नियम राजपत्र में प्रावधान

छत्तीसगढ़ राज्य के चिकित्सा स्नातकोत्तर प्रवेश नियम 2021 के अनुसार, राजपत्र दिनांक 10 दिसम्बर 2021 जारी किया गया था. जिसके नियम क्रमांक 9 में सेवारत अभ्यार्थीयों को बोनस अंक किस तरह से आवंटित किये जाएंगे, इसका स्पष्ट उल्लेख है. नियम के (ग) सेक्सन में स्पष्ट रूप से लिखा गया है कि प्रवेश परीक्षा के प्राप्तांक का अधिकतम 30 प्रतिशत बोनस अंक के रूप में लेने का प्रावधान है.

इस मामले में शिकायतकर्ता ने सवाल उठाते हुए कहा कि क्या 100 नंबर के पेपर में 100 नंबर दिया जा सकता है ? जब बोनस अंकों में प्रावधान 30 अंकों का है, तो 378 नंबर कैसे दिया गया ? जब अभ्यार्थी ने गलत जानकारी भरी है तो उसको निरस्त क्यों नहीं किया गया ? जब भर्ती नियम स्पष्ट है तो क्या लिस्ट बनाने वाले को भर्ती नियम की जानकारी नहीं है ? जब इस मामले को लेकर शिकायत की गई थी, DME के संज्ञान में लाया गया, तब कहा गया था कि सीट आबंटन के पहले इसे ठिक कर लिया जाएगा. लेकिन ठीक नहीं किया गया है.

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