Bone Marrow Transplant: पाकिस्तान की दो साल की बच्ची का बेंगलुरु के एक अस्पताल में बोन मैरो ट्रांसप्लांट सफलतापूर्वक हुआ है. इस लड़की का नाम अमायरा है, जो पाकिस्तानी क्रिकेट कमेंटेटर सिकंदर बख्त की बेटी है. यह परिवार कराची का है, लेकिन बेटी का इलाज कराने बेंगलुरु के नारायण हेल्थकेयर अस्पताल आया था. बुधवार को डॉक्टरों ने बच्ची की केस स्टडी शेयर करते हुए बताया कि अमायरा की हालत अब ठीक है.

अमायरा को अस्थि मज्जा प्रत्यारोपण दुर्लभ विकार – म्यूकोपॉलीसेकेराइडोसिस टाइप -1 (एमपीएस I) के इलाज के लिए नारायण हेल्थकेयर अस्पताल लाया गया था. नारायण हेल्थ की संस्थापक देवी शेट्टी ने संवाददाताओं से कहा, म्यूकोपॉलीसेकेराइडोसिस एक दुर्लभ बीमारी है जो आंखों और मस्तिष्क सहित शरीर के कई अंगों के कामकाज को सीधे प्रभावित करती है.”

पिता बन गए दाता
डॉक्टरों ने कहा कि अमायरा की जान उसके पिता सिकंदर बख्त की अस्थि मज्जा से बचाई गई थी, जो एक डोनर था. बच्ची का इलाज करने वाले डॉक्टर सुनील भट ने बताया कि ”म्यूकोपॉलीसेकेराइडोसिस एक ऐसी बीमारी है, जिसमें शरीर में एक एंजाइम की कमी हो जाती है. उस एंजाइम की कमी से मरीज के शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं.

इससे शरीर का जिगर और तिल्ली बड़ा हो जाता है और हड्डियों का आकार बदल जाता है. ” डॉ सुनील भट ने कहा, लड़की का कोई भाई-बहन नहीं है, इसलिए हम शैली की तलाश कर रहे थे, लेकिन हमें वह नहीं मिला.

जीवन के दूसरे दशक में बच्चों की मौत
“इतनी दुर्लभ बीमारी के साथ, अधिकांश बच्चे 19 वर्ष की आयु तक दिव्यांग हो जाते हैं. इससे कई बच्चे अपने दूसरे दशक (20 के दशक) में मर जाते हैं. इसलिए, अस्थि मज्जा प्रत्यारोपण इस बीमारी का सबसे प्रभावी उपचार है.

बच्ची अमायरा की मां सदफ ने कहा कि उन्हें इस बीमारी के बारे में कोई जानकारी नहीं थी, हमने काफी खोजबीन करने के बाद डॉक्टर भट से संपर्क किया. मां सदफ ने कहा कि यहां डॉक्टर और पैरा-मेडिकल टीम ने काफी मदद की.

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