गौरव जैन, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही। एक बेबस बेटी के माता-पिता अपनी किस्मत मार झेल रहे हैं. बेटी को बचपन से ट्यूमर है, जो उम्र के साथ-साथ बढ़ता ही जा रहा है. 4 साल की मासूम बेटी ट्यूमर के बोझ तले दबी हुई है. बेबस मां-बाप के पास ऑपरेशन के लिए पैसे नहीं है, जिससे बेटी का इलाज नहीं हो पा रहे हैं. मां-बाप ने कई मर्तबा मदद मांगी, लेकिन किसी ने मदद नहीं की. अब फिर से CM भूपेश बघेल से मदद की गुहार लगाई है.

दरअसल, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले में वनांचल बस्ती बगरा क्षेत्र के ग्राम टीकरखुर्द के रहने वाले दुर्गेश यादव जिनकी 4 वर्षीय पुत्री अदिति यादव जन्म से ही नाक के ऊपर एक ट्यूमर की बीमारी से ग्रसित है. जन्म के समय यह ट्यूमर छोटा था, लेकिन बच्ची की उम्र के साथ बढ़ता ही जा रहा है.

जब लड़की एक वर्ष की थी तो इसके माता पिता इसे रायपुर के एम्स तक ले गए थे, जहां डॉक्टर ने छत्तीसगढ़ से बाहर दिखाने को कहा था, लेकिन परिवार की आर्थिक स्थित ठीक नहीं होने के कारण वे उसे बाहर किसी बड़े अस्पताल में नहीं दिखा पाए.
बिलासपुर के डॉक्टर ने बैंगलोर में इलाज कराने की सलाह दी थी.

स्थानीय स्तर पर शासन प्रशासन से मदद की गुहार लगाई गई, तो प्रशासन ने संज्ञान लेते हुए बिलासपुर के किम्स हास्पिटल में बच्ची की जांच कराई. वहां के डॉक्टर ने जांच के बाद उसे बैंगलोर रिफर कर दिया. बच्ची के माता पिता की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी. इसलिए वो उसे बैंगलोर नहीं ले जा सके.

मुख्यमंत्री से मिला था आश्वासन
4 जुलाई को भेंट मुलाकात कार्यक्रम के लिए पहुंचे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से बच्ची के पिता ने कोटमी सकोला में बच्ची के इलाज की मांग रखी थी, तो उन्होंने आश्वस्त भी किया था, लेकिन अब तक उस बच्ची को इलाज नहीं मिल पाया है, जिसके कारण माता पिता की चिंता बढ़ती जा रही है.

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