सुशील खरे, रतलाम। देशभर में सजावट के लिए प्रसिद्ध शहर के महालक्ष्मी मंदिर में धनतेरस पर मातारानी के साथ कुबेर के खजाने के दर्शन के लिए सुबह से भक्तों की कतार लगी रही। नोटों से सजाए मां के दरबार को निहारने के साथ ही मोबाइल में दृश्य कैद करने भक्त आतुर दिखे। जनप्रतिनिधियों सहित शासकीय अधिकारी भी मातारानी की भव्यता के दर्शन करने पहुंचे।
शुक्रवार देर रात तक महालक्ष्मी के दरबार को नोटों से सजाया गया। शनिवार को धनतेरस पर ब्रह्म मुहूर्त में महालक्ष्मी की महाआरती की गई। इसके बाद से देर रात तक मातारानी के दरबार के दर्शन के लिए भक्त पहुंचते रहे। दर्शन के लिए अव्यवस्था नहीं हो इसलिए पुलिस ने बैरिकेड लगाकर महिला और पुरुष की अलग- अलग लाइन लगाने की व्यवस्था की। शनिवार रात तक भक्त सजावट में योगदान देने नोटों की गाड़ियों जमा कराने आते रहे। सुरक्षा ऐसी की चप्पे चप्पे पर पुलिस और सीसीटीवी लगे हुए हैं।
पुजारी पंडित पीयूष ने बताया कि मां का दरबार सजाने में 20, 50, 100, 200 और 500 के नोटों का उपयोग किया है। इन नोटों की लड़ियां (तोरण) बनाकर मंदिर को सजाया है। यहां पर प्रदेश के अलावा अन्य राज्यों से भी धन प्रेमी भक्त आते हैं। प्रवीण सोनी ने बताया कि मंदिर के गर्भगृह के अलावा पूरे में मंदिर 1, 5, 10, 20, 50, 100, 200, 500 और 2000 रुपए की गड्डियां रखकर कुबेर का खजाना सजाया है, जहां से भक्तों को दर्शन कराए जा रहे हैं।
वहां पीतल की महालक्ष्मी के साथ कुबेर कछुआ रखा है। जहां भक्तों द्वारा पूजा-अर्चना की जा रही है। 20 से ज्यादा सेवादार सेवा दे रहे है। मंदिर की सजावट का काम तीन में पूरा हुआ। यहां निस्वार्थ सेवा देने वाले 20 सदस्य है, जो अलग-अलग समय पहुंच कर सेवाएं दे रहे हैं। इसमें महिलाएं भी शामिल हैं। मंदिर की सजावट के साथ ही भक्तों द्वारा दी जाने वाली राशि लेने के साथ उसकी एंट्री रजिस्टर में कर रहे हैं। पांचवे दिन यहां कुबेर की पोटली दी जाएगी।
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