रायपुर- पिछले 46 दिनों से अपनी मांगों को लेकर भूख हड़ताल पर बैठीं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की स्थिति अब बिगड़ती जा रही है. रायपुर के बूढ़ातालाब स्थित धरना स्थल पर आज भूख हड़ताल पर बैठीं तीन आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं पद्मावती, भुवनेश्वरी और संतोषी की हालत बिगड़ने के बाद उन्हें संजीवनी एक्सप्रेस 108 से अस्पताल भेजा गया.
भूख हड़ताल पर बैठी तीनों महिलाओं की स्थिति की जानकारी मिलने के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने एंबुलेंस बुलाया औऱ अस्पताल दाखिल कराया. अस्पताल ले जाने के दौरान हड़ताल पर बैठी दूसरी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की आंखों पर आंसू छलक पड़े. हड़तालियों ने पुलिस से अनुरोध करते हुए कहा कि जिन आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को इलाज के लिए ले जाया जा रहा है, उन्हें सुरक्षित लाना होगा.
बता दें कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने छह सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदेशव्यापी हड़ताल किया हुआ है. इधर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की मांगों को समर्थन देने पहुंचे राज्य वित्त आयोग के पूर्व अध्यक्ष वीरेंद्र पांडेय ने कहा कि- बीते 46 दिनों से हड़ताल पर बैठी है. 11 दिनों से आमरण अनशन चल रहा है. बावजूद इसके सरकार किसी भी तरह से संवाद करने के लिए तैयार नहीं हो रही है. नतीजा यह है कि स्थिति गंभीर होती जा रही है. सरकार का काम है संवाद कर समस्या का समाधान करना, लेकिन सरकार अड़ियल बने बैठी है. प्रदेश भर में पंचायतों के भीतर कामकाज प्रभावित है और आंगनबाड़ी संस्था पूरी तरह से ठप्प है.

बर्खास्तगी की कार्रवाई शुरू

आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं  की हड़ताल पर अब सरकार की सख्ती भी बढ़ती जा रही है. धरसींवा प्रोजेक्ट के तहत काम कर रही 60 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और 15 सहायिकाओं को रायपुर नगर निगम कमिश्नर ने बर्खास्त कर दिया है. सरकार के आदेश के बाद भी काम पर नहीं लौटने की वजह से यह कार्रवाई की गई है.