अजय शर्मा, भोपाल। मध्यप्रदेश के देवास जिले के बहुचर्चित नेमावर हत्याकांड के मामले में सीबीआई ने चालान पेश कर दिया है। 9 महीने की छानबीन के बाद सीबीआई ने चालान पेश किया। नेमावर हत्याकांड में कई साक्ष्य जुटाये गए। चालान में गिरफ्तार 9 लोगों को ही आरोपी बनाया गया है। नेमावर हत्याकांड को आरोपियों ने जघन्य तरीके से अंजाम दिया था। पांच लोगों की हत्या कर उन्हें खेत में गाड़ दिया था। 29 जून 2021 को आदिवासी परिवार के पांच लोगों की हत्या कर दी गई थी, जिनमें 1 महिला, 3 युवती और 1 युवक शामिल थे।

यह है मामला
13 मई 2021 को रूपाली, ममता बाई, दिव्या, पवन और पूजा की हत्या कर दी गई थी। 17 मई को मृतक परिवार की सदस्य भारती ने इन पांचों के गुम होने की सूचना नेमावर पुलिस थाना में दी थी। 27 मई को पुलिस ने प्रकरण दर्ज किया। 29 जून को मनोज कोरकू को पुलिस ने पकड़ा और पूछताछ में उसने बताया कि रूपाली शादी के लिए सुरेंद्र पर दबाव बना रही थी। इसलिए सुरेंद्र और उसके साथियों ने पांचों की हत्या कर दी और शवों को सुरेंद्र के खेत पर बने गड्ढे में डाल दिया। पुलिस ने आरोपी मनोज कोरकू, विवेक तिवारी, वीरेंद्र राजपूत, करण कोरकू, रामजकुमार, सुरेंद्र राजपूत को 30 जून 2021 को गिरफ्तार किया था। इसके बाद घटना के सह आरोपी राकेश निमाड़े, धर्मेंद्र और अरविंद कोरकू को गिरफ्तार किया गया। कोर्ट में विवेचना पूरी करके नौ व्यक्तियों के विरुद्ध चालान भी पेश कर दिया था।

मामले में सीबीआई ने हत्या, दुष्कर्म, अपहरण षड्यंत्र, पॉक्सो, आईटी एक्ट और एट्रोसिटी की धाराओं में 9 आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू की। केस की जांच करने के लिए राज्य सरकार ने 29 दिसंबर 2021 को सीबीआई से उस समय सिफारिश की थी जब परिवार की इकलौती बची बेटी भारती कास्डे ने नेमावर से भोपाल तक न्याय यात्रा निकालने की घोषणा की थी। इस संबंध में पत्र केंद्र को भेज दिया था। केंद्र की मंजूरी के बाद यह प्रकरण सीबीआई भोपाल को सौंपा गया था।

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