शब्बीर अहमद,भोपाल। मध्यप्रदेश में बिजली गुल होने पर अधिकारियों और कर्मचारियों की एक महीने की सैलरी काटी जाएगी. अब इस पर सियासत शुरू हो गई है. कांग्रेस ने बिजली विभाग के आदेश को तुगलकी फरमान बताया है. यह तुगलकी आदेश वापस होना चाहिए. बीजेपी ने पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस शासनकाल में कभी बिजली नहीं रही, इसलिए ट्रांसफार्मर की कीमत का पता नहीं है. कांग्रेस को बिजली के विषय पर बोलने का अधिकार नहीं है.
अधिकारी और मंत्री का भी कटे वेतन- कांग्रेस
इस आदेश पर कांग्रेस प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा का कहना है कि जिम्मेदारी तय कर सकते लेकिन वसूली नहीं कर सकते. दोषी ठहराना है, तो सिर्फ कर्मचारी ही क्यों बड़े अधिकारी आदेश से बाहर है. सैलरी कटे तो अधिकारी और मंत्री दोनों की कटना चाहिए. नियम सभी के लिए बराबर होना चाहिए. ये तुगलकी आदेश वापस होना चाहिए. कांग्रेस कर्मचारियों के साथ है और ये आदेश वापस करवाकर रहेंगे.
कांग्रेस को ट्रांसफार्मर की कीमत नहीं पता- बीजेपी
कांग्रेस के बयान पर बीजेपी ने पलटवार किया है. बीजेपी नेता राहुल कोठारी ने कहा कि कांग्रेस को बिजली के विषय पर बोलने का अधिकार नहीं है. कांग्रेस शासनकाल में कभी बिजली नहीं रही, इसलिए ट्रांसफार्मर की कीमत का नहीं पता है. बिजली विभाग को इस तरीके निर्णय लेने का अधिकार है. सरकार से बिजली विभाग को इस मामले में पहले पूछना चाहिए था. बिजली का मुद्दा जनता के इमोशन से जुड़ा हुआ है. इस मामले में कांग्रेस राजनीति ना करें.
बता दें कि मध्यप्रदेश में बिजली गुल होने पर कर्मचारियों की सैलरी काटी जाएगी. ट्रांसफार्मर खराब होने पर कर्मचारी की सैलरी से सुधार राशि ली जाएगी. बिजली विभाग ने 1 महीने की सैलरी कटौती का आदेश जारी किया है. सुधार राशि का 20 फीसदी संबंधित कर्मचारी को देना होगा. शहरी क्षेत्र में नया नियम लागू किया गया है. इस आदेश को कर्मचारियों ने भी तुगलकी फरमान बताया है.
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