पंकज तिवारी, रायपुर। मानव शरीर में सात चक्र होते हैं, जो जीवन प्रभावित करते हैं. इस दुनिया में तीन चीजें ऐसी हैं, जो सातों चक्रों पर सीधा असर डालती है – ये है, रंग, सुंगध और शब्द (मंत्र). इनमें से सुगंध का सही प्रयोग जहां एकाग्रता को बढ़ाता है, वहीं दूसरी ओर स्नायु तंत्र और डिप्रेशन जैसी बीमारियां को भी दूर करने में मदद करता है. इसे भी पढ़ें : धान खरीदी के पहले दिन 4 हजार किसानों ने बेचा 10 हजार मीट्रिक टन धान, जारी हुए थे 5341 टोकन…

खुशबूदार वस्तुएं वातावरण में नकारात्मकता को भी खत्म करने का काम करती हैं. वास्तु के मुताबिक, केवल उन वस्तुओं का प्रयोग करना चाहिए, जो मन को अच्छी लगें. आज हम आपको वास्तु के हिसाब से बताएंगे कि कौन सी खुशबू किस तरह व्यक्ति पर असर करती है.

जादुई है खुशबू का कनेक्शन

विज्ञान पत्रिका साइंटिफिक रिपोर्टस में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, गुलाब की सुगंध या उसकी सुंगध वाली अगरबत्तियों के सपंर्क में रहने से याददाश्त और सीखने की क्षमता बेहतर हो सकती है. गुलाब की सुंगध पर शोध करने वाले शोधकर्ताओं ने कुछ छात्रों को अपने घर की मेज पर गुलाब या सुगंधित अगरबत्ती लगाने के लिए कहा.

इन्हीं छात्रों को रात में बिस्तर पर सोने से पहले साइड टेबल पर गुलाब या सुगंधित अगरबत्ती लगाने के भी कहा गया. जबकि, बाकी बचे हुए विद्यार्थियों को सामान्य तौर पर ही रोजमर्रा के काम करने के लिए कहा गया. देखने में आया इनकी याददाश्त उन बच्चों को काफी बेहतर थी.

  • वास्तुशास्त्र के अनुसार, सुगंधित वस्तुओं के सही इस्तेमाल से मन और शरीर से जुड़ी कई बीमारियां दूर होती हैं. रात्रि में सोने से पूर्व घी में भिगोया हुआ कपूर जलाना चाहिए. इससे तनावमुक्ति और गहरी नींद आती है. यदि आपके घर-परिवार में लड़ाई-झगड़े बने रहते हैं तो इसके लिए घर के पूजाघर में घी का दीपक जलाएं, इससे घर में शांति बनी रहती है. कपूर और अश्वगंधा की सुगंध घर में फैलानी चाहिए.
  • प्राकृतिक फूलों में सुगंध भरपूर होती है, और इनकी सुगंध से मन पर कोई दुष्प्रभाव भी नहीं पड़ता है इसलिए घर में ज्यादा से ज्यादा इस तरह के फूलों को उपयोग में लिया जाना चाहिए. वास्तुशास्त्र कहता है कि बेला-चमेली की सुगंध का प्रयोग केवल विवाहित दंपत्तियों को ही करना चाहिए. इसकी सुगंध काम भाव पैदा करती है. मन की शांति के लिए रात रानी का पौधा बेडरूम के बाहर लगाएं अथवा उसके फूल से कमरे को सजाएं.
  • घर में जिस स्थान पर बच्चें बैठकर अध्ययन करते हैं, उस स्थान पर भी सुगंधित वस्तुओं को रखना चाहिए. इससे नकारात्मकता दूर होती है. वैसे छात्रों को पढ़ाई करते समय और स्टडी रूम में गुलाब की सुगंध का प्रयोग नहीं करना चाहिए.
  • यदि घर का कोई सदस्य यदि किसी कारणवश तनाव या डिप्रेशन में हो तो वास्तुशास्त्र के अनुसार, घर में हर हफ्ते में कम से कम एक बार हवन सामग्री जलाने व घर के सभी हिस्सों में धूनी देने से राहत मिलती है. सुबह की पूजा के समय तीखी खुशबू वाली धूप-बत्तियों का प्रयोग नहीं करना चाहिए, क्योंकि तेज खुशबू दिलो-दिमाग को अस्थिर करती है, और मादकता लाती है.

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