चित्रकूट. सोचने में अजीब लगा है लेकिन एक ‘चोर’ की पूजा करने लंबी-लंबी कतार लगती है. मान्यता है कि इस मंदिर में भक्त अपनी चोरी हुई सामग्री वापस की फरियाद लगाता है, वह चीज उसे मिल जाती है. हम बात कर रहे हैं चित्रकूट के गुप्त गोदावरी स्थित रामायण कालीन खटखटा चोर मंदिर की. खटखटा चोर की पूजा से न सिर्फ सारी समस्याओं से मुक्ति मिलती है, बल्कि मान्यता है कि यहां दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं के घर में चोरी भी नहीं होती है.

स्कन्द पुराण के अनुसार

माता सीता स्नान करने गई तब मयंक नामक राक्षस ने माता सीता के आभूषण चोरी कर लिये परन्तु प्रहरी की भांति खड़े लक्ष्मण की आंखों से बच पाना मुश्किल था, भागते हुए राक्षस को लखन लाल ने शब्दबाण मारा और पहाड़ की खोह से उल्टा टांग दिया, तब मयंक राक्षस बहुत पछताया और प्रभु श्रीराम से निवेदन करने लगा कि ऐसे तो मैं भूखा मर जाउंगा. Read More – अस्पताल के बेड पर लेटे हुए गाया ‘अल्लाह के बंदे’, लंबी बीमारी के बाद मशहूर सिंगर ने तोड़ा दम, इमोशनल हुए सिंगर …

श्रीराम ने उसे आशीर्वाद दिया कलियुग में जब गुप्त गोदावरी की पूजा होगी तब पूजा का प्रसाद तुम्हे भी मिलेगा. आज श्रीराम के आदेश अनुसार वहां पर भी कुछ भाग मयंक राक्षस के नाम चढ़ाया जाता है. उसे खटखटा चोर के नाम से जाना जाता है तथा पहाड़ी की एक खोह में राक्षस की मुखाकति का एक पत्थर टंगा हुआ है.

पापमोचनी शिला कहा जाता है

भगवान श्रीराम के आशीर्वाद के बाद खटखटा चोर की इस मूर्ति को पापमोचनी शिला कहा जाने लगा. ये मूर्ति गुफा में पत्थरों के बीच कुछ ऐसे फंसी है कि इसे हिलाया-डुलाया पर खट-खट आवाज आती है. जिससे इसका नाम पड़ा. हालांकि प्रशासन ने इस पत्थर को हिलाने पर रोक लगा दी है. Read More – नाश्ते में पालक पराठा खाना होगा परफेक्ट फूड डिश, दिन की शुरुआत करें हेल्दी …

गुप्त गोदावरी की कल-कल धारा बहती है इस गुफा में, भक्तों को गुफा के अंदर पानी की बीच से ही जाना पड़ा है. गुफा बारे में कहा जाता है कि स्वयं देवताओं ने भगवान राम लक्ष्मण और सीता के निवास के लिए इसे बनाया था.