अमित शर्मा, श्योपुर। देश-प्रदेश में तेजी के साथ बढ़ रहे टीबी मरीजों को देखते हुए अब आईसीएमआर ने इस पर काम करना शुरू कर दिया है। आईसीएमआर की टीमें गांव-गांव जाकर मरीजों की स्क्रीनिंग कर रही हैं और उन्हें जरूरी दवाएं भी उपलब्ध करवा रही हैं। आईसीएमआर का यह पहला प्रयोग है, जिसके लिए सबसे पहले श्योपुर जिले को चुना गया है।

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आईसीएमआर की तीन टीमें श्योपुर जिले में काम कर रही हैं। इनमें 6 एक्स-रे टेक्निशियन, तीन लैब टेक्नीशियन, तीन हेल्थ असिस्टेंट, तीन एसआरएफ और दो डॉक्टर शामिल है। टीबी की बीमारी का पता लगाने के लिए इन टीमों के पास नई तकनीकी की मशीनें हैं। जिन्हें हर जगह आसानी से लाया ले जाया जा सकता है और कहीं भी मरीजों की एक्स-रे व अन्य जांच की जा सकती है। आईसीएमआर की टीम टीबी के अलावा दूसरी बीमारियों की भी दवाइयां मरीजों को उपलब्ध करा रही हैं। ज्यादा से ज्यादा मरीजों की स्क्रीनिंग हो सके और टीबी के मरीजों का पता लग सके इसके लिए आईसीएमआर की टीमें मरीजों का बीपी और शुगर लेवल भी टेस्ट करने का काम कर रही हैं।

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श्योपुर में मिले 500 मरीज

अब तक श्योपुर जिले में 5000 से ज्यादा लोगों की स्क्रीनिंग हो चुकी है, जिनमें 500 टीबी के मरीज सामने आए हैं। इन मरीजों को जरूरी दवाइयां भी दी जा रही हैं। आईसीएमआर का यह पहला प्रयोग है, अगर यह सफल होता है तो श्योपुर के अलावा दूसरे जिलों में भी आईसीएमआर टीवी पर काम शुरू करेगा।

इस बारे में आईसीएमआर टीम के सदस्य सुमित का कहना है कि, आईसीएमआर टीम टीबी स्क्रीनिंग का काम जिलेभर में कर रही है, श्योपुर को सबसे पहले इसलिए चुना गया है क्योंकि यहां टीवी के सबसे ज्यादा मामले सामने आते रहे हैं। टीवी के मरीजों का पता लगाकर बीमारी को जड़ से खत्म करने के लिए इलाज भी किया जाएगा।

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