कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। ग्वालियर में बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के एक बयान ने मध्यप्रदेश की सियासत में भूचाल ला दिया है। उनका बयान 2018 में भाजपा को मिली हार और उसके बाद सीएम शिवराज सिंह के इस्तीफे से जुड़ा हुआ है। कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि 2018 में शिवराज सिंह ने जल्दबाजी कर दी, वरना सरकार भाजपा की ही होती। कैलाश विजयवर्गीय के इस बयान को 2020 में हुए ऑपरेशन लोट्स से जोड़ कर देखा जा रहा है।

दरअसल, मीडिया से चर्चा करते हुए कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि शिवराज सिंह चौहान ने 2018 के समय जल्दबाजी में इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने 2018 में पार्टी को मिली हार को नकारते हुए कहा कि हार नहीं मिली थी। बीजेपी को वोट ज्यादा मिले थे, लेकिन शिवराज सिंह ने जल्दबाजी में इस्तीफा दे दिया वरना सरकार बीजेपी की बनती।

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वहीं कैलाश विजयवर्गीय के इस बयान पर सीएम शिवराज सिंह चौहान चुप्पी साधे नजर आए। उन्होंने मीडिया के सवालों पर कुछ ना कहते हुए आगे बढ़ गए।

इस मामले पर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कैलाश विजयवर्गीय के बयान पर सीधे ना बोलते हुए मुख्यमंत्री शिवराज की तारीफ की। उन्होंने कहा कि प्रदेश में भाजपा की सरकार निरंतर शिवराज सिंह के ही नेतृत्व में रही है और 2023 के चुनाव में भी बीजेपी का परचम लहराएगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सीएम शिवराज सिंह के नेतृत्व में जो जन कल्याण की योजनाएं पूरे प्रदेश में आज लागू है, उनसे लोग लाभान्वित हो रहे हैं। जनता का विश्वास भाजपा के साथ जुड़ा हुआ है। विकास प्रगति के आधार पर और एक सकारात्मक सोच का दल होने के नाते जनता का दिल और मन दोनों भारतीय जनता पार्टी से जुड़ा हुआ है।

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कट्टर सिंधिया समर्थक ऊर्जा मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर ने भी इस मामले पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने ऑपरेशन लोट्स की संभावना जताते हुए कहा कि 2018 में शिवराज सिंह ने नैतिकता और एक लोकतांत्रिक परंपरा को बनाए रखने के लिए इस्तीफा दिया था। यदि उनकी जगह कोई दूसरा व्यक्ति होता तो शायद इस्तीफा नहीं देता और सरकार बनाने में विश्वास करता। उस समय सरकार बनाने के लिए सिर्फ 4 सीट का अंतर था, बाकी निर्दलीय भी बीजेपी के संपर्क में थे। लेकिन उन्होंने नैतिकता से इस्तीफा दिया उस समय के निर्णय को मैं प्रणाम करता हूं।

वहीं जब मीडिया ने पूछा कि क्या शिवराज सिंह चौहान की नैतिकता से ही 2020 में सिंधिया समर्थक मंत्री प्रभावित हुए थे इस कारण से उनका समर्थन किया था। इस पर ऊर्जा मंत्री ने पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ पर तंज कसते हुए कहा कि सबसे ज्यादा नैतिकता कमलनाथ ने दिखाई, जो व्यवहार उन्होंने किया, उस व्यवहार के कारण 2020 में परिवर्तन किया।

ज्योतिरादित्य सिंधिया के सीएम बनने वाले सवाल पर मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर ने कहा कि यह बात मैं कल आज और परसों भी कहता रहूंगा कि उस समय 2018 में जनता को दूल्हा दिखाया गया था नौजवान, चेहरा थे ज्योतिरादित्य सिंधिया। लेकिन जब वरमाला पहनाने का वक्त आया तब 70 साल के बुजुर्ग को माला पहना दी गई। यही कारण है कि आज कांग्रेस की यह दुर्गति हो रही है।

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