न्यामुद्दीन अली, अनूपपुर। मध्यप्रदेश के अनूपपुर जिले में अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही के चलते एक मासूम बच्चे की मौत का मामला सामने आया है। परिजनों ने आरोप लगाया कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में सयम में डॉक्टर और स्टाफ नहीं मिले, जिसके चलते 3 माह के बच्चे को समुचित स्वास्थ्य सुविधा नहीं मिलने से उसकी असमय मौत हो गई।
एक ओर जहां प्रदेश के मुखिया लोगों को समुचित स्वास्थ्य सुविधा देने का वादा और दावा करते है, तो वहीं दूसरी तरफ मोटी रकम ले रहे स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार अपनी जिम्मेदारी सही से नहीं निभाते रहे। सीएम के सपनो में पानी फेरने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे है।
ऐसा ही एक अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही का एक नमूना कोतमा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र देखने को मिला। दरअसल, कोतमा थाना क्षेत्र के पैरीचुआ निवासी राम कुमार के 3 माह के बच्चे की तबीयत अचानक बिगड़ गई। बच्चे की सांस टूट रही थी, तभी पिता ने अपने जिगर के टुकड़े को इलाज के लिए कोतमा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले गए। जहां बच्चे को ड्यूटी डॉक्टर को दिखाया।
डॉक्टर ने बच्चे की गंभीर स्थिति को देखते हुए तुरंत ही चिकित्सालय के स्टाफ को ऑक्सीजन मास्क लगाने की बात कही, लेकिन कोतमा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में स्टाफ मौजूद ना होने के कारण बच्चे को ऑक्सीजन सही समय पर नहीं मिल पाया। जिसके कारण उसकी मौत हो गई। बच्चे के पिता का आरोप है कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र प्रबंधन की लापरवाही के चलते उसके जिगर का टुकड़ा छिन गया।
वहीं इस मामले में सीएमएचओ डॉक्टर एस सी राय ने कहा कि जब बच्चे को अस्पताल लाया गया तो उसकी मौत हो चुकी थी। उसके बावजूद भी परिजनों ने कहा कि नहीं एक बार कोशिश कर ली जाएं। उसको ऑक्सीजन लगाई गई, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में जांच करने के बाद वो मृत पाया गया। दुर्भाग्यवश बच्चा नहीं बच सका। इसका मुझे खेद है। ऐसे कोई लापरवाही डॉक्टर, बीएमओ या प्रशासन द्वारा नहीं हुई है। फिर भी हम स्थिति सुधारने की कोशिश करेंगे।
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