भगवान गणेश के बिना कोई भी पूजा पूरी नहीं हो सकती. भगवान ब्रह्मा ने गणपती जी को उन्हें प्रथम पूज्य बनाया था. गणपति आदिदेव हैं, उन्होंने हर युग में अलग अवतार लिया है. उनकी शारीरिक संरचना में भी विशिष्ट व गहरा अर्थ निहित है. शिवमानस पूजा में श्री गणेश को प्रणव (ॐ) कहा गया है. इस एकाक्षर ब्रह्म में ऊपर वाला भाग गणेश का मस्तक, नीचे का भाग उदर, चंद्रबिंदु लड्डू और मात्रा सूँड है. आज बुधवार के दिन हम आपको भगवान गणेश के भारत में कई प्राचीन गणेश मंदिर के बारे में बताने वाले हैं, जिनके दर्शन मात्र से ही हर मनोकामना पूरी हो जाती है.
सिद्धिविनायक मंदिर, मुंबई
देश के सबसे पुराने मंदिरों में से एक, सिद्धिविनायक मंदिर की स्थापना वर्ष 1081 में लक्ष्मण विथु और देव बाई पाटिल ने की थी. गणेश चतुर्थी के अवसर पर हर साल लाखों श्रद्धालु और तीर्थयात्री यहां पहुंचते हैं. Read More – विदेश में अब भी हिट है Alia Bhatt का गंगूबाई काठियावाड़ी लुक, मलेशिया में हुए फैशन शो में मिस स्टार मलेशिया 2022 ने किया प्रेजेंट …
मोती डूंगरी मंदिर, जयपुर
राजस्थान की राजधानी जयपुर को एक ऐतिहासिक शहर भी माना जाता है. क्योंकि यह पुराने किलों या इमारतों वाला शहर है. पिंक सिटी में भगवान गणपती का 250 साल पुराना मंदिर है. जिसे मोती डूंगरी मंदिर के नाम से जाना जाता है. हर साल 10 दिवसीय गणेशोत्सव के दौरान यहां हजारों भक्त आते हैं.
मनाकुला विनायगर मंदिर, पुडुचेरी
दक्षिण भारत में पुडुचेरी में भगवान गणेश का एक प्राचीन मंदिर है. जिसे मनाकुला विनयगर के नाम से जाना जाता है. इस मंदिर में भगवान गणपती से जुड़ी चीजों को चित्रों के माध्यम से दर्शाया गया है. शास्त्रों में वर्णित गणेश के 16 रूपों के चित्र भी यहां देखे जा सकते हैं. Read More – टल गई फिल्म Adipurush की रिलीज डेट, नई डेट अनाउंस करने हुए मेकर्स ने कहा – वादा किया था …
श्री विनायक देवारु मंदिर, कर्नाटक
लगभग 1500 साल पुराना श्री विनायक देवारु मंदिर कर्नाटक के ईदगुंजी में स्थित है. इस मंदिर में भगवान गणेश की मूर्ति गोकर्ण मंदिर की मूर्ति के समान है. इस मूर्ति में भगवान गणपती के एक हाथ में कमल का फूल और दूसरे हाथ में मोदक है.
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