संदीप शर्मा, विदिशा। मध्यप्रदेश के विदिशा के नोडल कॉलेज शासकीय कन्या महाविद्यालय में थंब इंप्रेशन मशीन की खरीदी में घोटाला सामने आया है। जहां छात्राओं की उपस्थिति दर्ज कराने के लिए मेड इन इंडिया की जगह चाइना की थंब इंप्रेशन मशीन लगवाई गई थी। यह मशीन दोगुनी कीमत से भी ज्यादा में खरीदी गई।
सरकार की वेबसाइट जेम से 13 मशीन की खरीदी की गई। जबकि खरीदी के नियम के मुताबिक सबसे पहले चाइना के प्रोडक्ट खरीदी ना की जाये और दूसरा एमआरपी से अधिक कीमत ना दी जाये, लेकिन कॉलेज की प्रभारी प्राचार्या मंजू जैन ने मोटा कमीशन पाने और अपनी चहेती फर्म को लाभ पहुंचाने सारे नियमों को ताक पर रख दिया और मेड इन चाइना की मशीन जिसकी कीमत 11000 रुपये थी उसे करीब 25000 में खरीदकर कॉलेज में इंस्टॉल भी करवा दी और फर्म को 336000 का भुगतान भी अक्टूबर में कर दिया।
जब इस मामले की भनक लगी तो तहकीकात करने कॉलेज गए, जहां मशीनों को पहले ही हटा दिया। प्रभारी प्रिंसिपल से जब बात की तो गलती स्वीकार करते हुए मैडम जल्दी ही दूसरी मशीन लगवाने की बात करते नजर आई।
यह पहला मामला नहीं है जब मैडम की कारगुजारिया सामने आई है, पिछले कई साल से जमी इन मैडम की पहुंच ऊपर तक है। 2019 में रीवा हुआ स्थानांतरण कैंसिल करवाकर मैडम सीट पर जमी हुई है। और मनमानी चला रही है। चूंकि यह नोडल कॉलेज भी है तो जिलेभर के शासकीय अशासकीय कॉलेज इसी कॉलेज के अंतर्गत आते है। यह सभी मैडम की हिटलरशाही से परेशान है।
प्राइवेट कॉलेज के संचालक दबी जुबान में बताते है कि छात्रवृत्ति रिलीज करवाने से लेकर अन्य संबंधित कार्य बगैर लेन-देन के संभव नहीं होते। फिलहाल इस घोटाले का ठीकरा मैडम ने कमेटी और विक्रेता पर फोड़ दिया है और खुद को बेकसूर बता रही है।
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