भोपाल। जीवन में हर इंसान सफल होना चाहता है, लेकिन कई बार ऐसा होता है कि तमाम कोशिशें करने के बाद कामयाबी नहीं मिलती है। ऐसे में परेशान होने की जरूरत नहीं है। NEWS 24 MP-CG और Lalluram.com के खास कार्यक्रम ‘EDU TALK’ में आज हम बताएंगे कि सफल हुए शख्सियतों ने कैसे सफलता पाई। सफलता के मूल मंत्र क्या हैं।
‘EDU TALK’ में नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह ने अपने संघर्ष के बारे में बताते हुए कहा कि हर माता- पिता का सपना होता है कि उनके बच्चे अच्छे फिल्ड में कैरियर बनाए, लेकिन कुछ चीजें ऐसी होती है जो एक्सीडेंटल हो जाती है। मैं जब 11वीं पास कर बीएससी करने सागर विश्वविद्यालय गया, उस समय विश्वविद्यालय को सेंटर यूनिवर्सिटी बनाने की मांग को लेकर स्टूडेंट्स मूवमेंट चल रह था। मैं भी उसमें शामिल हो गया और वहीं से छात्र नेता के रुप में मेरी यात्रा प्रारंभ हुई। फिर मैं आगे सागर यूनिवर्सिटी का प्रेसिडेंट और सचिव बना। इस तरह से मेरे जीवन की दिशा बदल गई। छात्र नेता से मैं पार्टी पॉलिटिक्स में आ गया। और आज आप सब के बीच में मौजूद हूं।
राजनीति में कहा जाता है कि बड़े संघर्षों का खेल है और बड़े-बड़े चाणक्य नीति, उठक-पठक होती है आपको डर नहीं लगा- इस सवाल का जवाब देते हुए मंत्री भूपेंद्र सिंह ने पहले और आज की राजनीति में काफी अंतर है। आज की राजनीति में टैलेंट की राजनीति है। पहले जो राजनीति होती थी उसमें कई फैक्टर काम करते थे। संघर्ष, फैमली बैकग्राउंड, फैनेशिलय फैक्टर होते थे, लेकिन अब टैलेंट की राजनीति है। अब राजनीति में डेवलपमेंट ही आधार है। जिनमें टैलेंट है वहीं आज राजनीति में आगे बढ़ सकता है।
राजनीति में महिलाओं की भागीदारी के सवाल पर मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि आज की राजनीति में महिलाओं की मागीदारी 50 प्रतिशत है। लोकल बॉडी इलेक्शन में 50 % महिलाओं के लिए रिजर्वेशन हैं। आने वाले समय में असेंबली और पार्लियामेंट में भी 33 प्रतिशत रिजर्वेशन महिलाओं के लिए रहेगा।
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