लखनऊ. योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बने रहने पर सवाल खड़ा करने वाली एक रिट याचिका को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने खारिज कर दी है. न्यायालय ने बेमतलब की याचिका दायर कर न्यायालय का कीमती समय बर्बाद करने पर याची पर 11 हजार रुपए का हर्जाना भी लगाया है.

यह आदेश न्यायमूर्ति एआर मसूदी एवं न्यायमूर्ति ओम प्रकाश शुक्ला की पीठ ने याची डॉ. एम इस्माइल फारूखी की याचिका पर पारित किया. याचिका दाखिल कर याची ने योगी आदित्यनाथ के खिलाफ अधिकार पृच्छा रिट जारी कर उनसे यह पूछने को कहा था कि वह किस अधिकार से 25 सितंबर 2022 के बाद मुख्यमंत्री का पद धारण किए हैं. याचिका पर सुनवाई के दौरान न्यायालय ने पाया कि याची ने अधिकार पृच्छा रिट जारी करने के लिए याचिका में कोई कारण नहीं उल्लिखित किया था.

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न्यायालय द्वारा यह भी पाया गया कि  याची ने पहले भी ऐसी एक याचिका दाखिल की थी जिसे बाद में उसने वापस ले ली थी. याची द्वारा न्यायालय से बिना अनुमति लिए ही दूसरी याचिका भी दाखिल कर दी. न्यायालय ने कहा कि यदि याची मुख्यमंत्री के गोरखपुर चुनाव से संतुष्ट नहीं  है तो उसके द्वारा चुनाव याचिका दाखिल की जाती न कि हाईकोर्ट में अधिकार पृच्छा रिट याचिका दायर कर न्यायालय का समय खराब किया जाता.

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