अमृतांशी जोशी, भोपाल। मध्यप्रदेश के विश्व प्रसिद्ध उज्जैन महाकाल मंदिर में फोटोग्राफी लिए जारी हुए आदेश पर फोटो पॉलिटिक्स शुरू हो गई है। प्रशासन ने मंदिर के गर्भगृह में फोटो और वीडियोग्राफी पर रोक लगा दी है। प्रशासन के इस आदेश के बाद एमपी में सियासत तेज हो गई है। जहां कांग्रेस ने सत्ताधारी बीजेपी पर हमला बोला है, वहीं बीजेपी ने कांग्रेस पर पलटवार किया है।
पूर्व मंत्री एवं कांग्रेस विधायक पीसी शर्मा ने बीजेपी पर बड़ा आरोप लगाया है। बोले कि ये पूरा बीजेपी के एक बड़े प्लान का हिस्सा है। बीजेपी ने जानबूझकर इस तरह का आदेश जारी किया है। राहुल गांधी एक तपस्वी के रूप में यात्रा करते हुए आ रहे हैं। बीजेपी नहीं चाहती कि राहुल गांधी को आशीर्वाद लेते हुए पूरे देश और दुनिया देखें। राहुल गांधी के तपस्वी रूप को देखकर बीजेपी में डर का माहौल है। बीजेपी कुछ भी कर ले बाबा महाकाल का आशीर्वाद राहुल गांधी को मिलकर रहेगा। खुद इनके नेता हवाई जहाज से आते हैं, राहुल गांधी तो पैदल आ रहे हैं। बीजेपी कह रही है कि स्थानीय प्रशासन ने ऐसा आदेश जारी किया है। स्थानीय प्रशासन को कोई हक नहीं होता, हम भी सरकार में रहे हैं।
महाकाल मंदिर में फोटोग्राफी पर रोक लगाने पर कांग्रेस की आपत्ति पर मंत्री विश्वास सारंग ने पलटवार किया है। कांग्रेसियों को यह बात समझना चाहिए कि राहुल गांधी बाबा महाकाल से बड़े नहीं हैं।महाकाल मंदिर के नियम राहुल गांधी की यात्रा से जोड़ना शर्मनाक है।
वे अगर राजनीतिक लाभ के लिये महाकाल की शरण में जा रहा हैं तो यह अनुचित है। महाकाल लोक में फोटोग्राफी होने से दर्शन में दिक्कत होगी इसलिए मंदिर प्रबंधन ने यह निर्णय लिया है। नेहरू परिवार चुनाव के दौरान ही खुद को हिन्दू प्रदर्शित करता है। राहुल गांधी महाकाल मंदिर में नेता नहीं भक्त बनकर जाएं।
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